बिलासपुर। अपोलो अस्पताल में 2016 में ईलाज के दौरान युवक की मौत के मामले में सरकंडा पुलिस ने चार डाक्टरों की गिरफ्तारी की है। वहीं, अपोलो प्रबंधन के भूमिका की जांच की जा रही है। दयालबंद के आदर्श कालोनी में रहने वाले गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबड़ा(29) की 26 दिसंबर 2016 को अपोलो में उपचार के दौरान मौत हो गई। अस्पताल से मिले मेमो में युवक की मौत का कारण सल्फास खाने से बताया गया।
मेमो के आधार पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पीएम कराया। जांच के दौरान युवक के स्वजन ने अपोलो के डाक्टरों पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया। पीएम के बाद पुलिस ने राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला में सैंपल भेजकर रिपोर्ट मांगा। वहीं, मौत के संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड से जांच कराई गई। इसमें विशेषज्ञों ने संबंधित डाक्टरों द्वारा इलाज के दौरान लापरवाही की रिपोर्ट दी। इसी तरह की रिपोर्ट राज्य स्तरीय बोर्ड से भी मिली। इसके आधार पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया।
जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने डा़ देवेंद्रर सिंह, डा़ राजीव लोचन भांजा, डा़ मनोज राय और डा़ सुनील केडिया को गिरफ्तार किया। इन्हे जमानत मुचलका में थाने से छोड़ा गया है। जांच रिपोर्ट मिलने में हुई देरी पुलिस ने मामले की जांच के लिए विसरा प्रिजर्व किया। विसरा जांच के बाद इसकी क्योरी कराई गई। इसमें मिले रिपोर्ट को पहले संभागीय मेडिकल बोर्ड भेजा गया। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट की क्योरी कराई गई। साथ ही राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड में पूरे मामले की जांच कराई गई। अलग-अलग बोर्ड में जांच की रिपोर्ट मिलने में हुई देरी के चलते मामले की जांच अटकी रही।