छत्तीसगढ़

यूपी की इस सीट पर सोनिया लड़ेंगी चुनाव या प्रियंका, कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर सकती है मोदी लहर

रायबरेली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चहुंओर बज रहे डंके की गूंज वैश्विक स्तर पर है। राज्यों के चुनाव में चला मोदी का जादू 2024 में क्या रंग लाएगा, अब सबकी इस पर नजर है। 2024 में होने जा रहे महासमर में प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस तो देश दुनिया की नजर में रहेगी ही, साथ ही उतनी ही दिलचस्पी रायबरेली सीट को लेकर भी रहेगी। रहना भी स्वाभाविक है क्योंकि यह सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है।

2024 का चुनाव तय करेगा रायबरेली का भविष्य 

पांच बार से सांसद सोनिया गांधी लंबे समय से यहां नहीं आई हैं। उनके चुनाव लड़ने को लेकर भी संशय बना हुआ है। पार्टी पदाधिकारी से लेकर शीर्ष नेतृत्व भी इस सीट को लेकर पत्ते नहीं खोल रही है और न ही गांधी परिवार का कोई सदस्य यहां आ रहा है, जबकि भाजपा के केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य मंत्री तक आए दिन रायबरेली में डेरा डाले रहते हैं।

ऐसे में चुनावी समीकरण बदलते हैं तो यूपी में कांग्रेस की इकलौती सीट भी अगर हाथ से फिसलती है, या भाजपा इस सीट को निकालने में कामयाब हो जाती है तो रायबरेली का भविष्य कुछ और होगा।

मोदी लहर में कहीं साफ न हो जाए कांग्रेस का सूपड़ा

प्रधानमंत्री मोदी का ये तीसरा लोकसभा चुनाव है। पूरे देश में मोदी लहर चल रही है। चुनावी महासमर में ऐसा ही माहौल रहा तो इकलौती सीट भी कांग्रेस के हाथ से फिसलने पर यूपी से पार्टी का सूपड़ा साफ हो सकता है। भविष्य क्या होगा, ये 2024 ही तय करेगा।

इसलिए भी रहेगी हर किसी की नजर

रायबरेली को लेकर गांधी परिवार और कांग्रेस की उदासीनता अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है। हर किसी की नजर इस लोकसभा सीट पर इसलिए भी है कि आखिरकार इस बार रायबरेली से कौन मैदान में उतरेगा। 

स्वास्थ्य कारणों के कारण सोनिया के चुनाव लड़ने पर संशय बना हुआ है। संभावनाएं और कांग्रेसियों की मांग प्रियंका भी हैं। इसलिए लोग इस बात को लेकर अपनी नजरें टिकाएं हैं कि मां सोनिया चुनाव लड़ेंगी या बेटी प्रियंका।

कांग्रेसी खेमे में सन्नाटा

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेसी खेमे में अभी सन्नाटा पसरा हुआ है। प्रियंका और राहुल भी काफी समय से यहां नहीं आए हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका। राजनीति के जानकार महासमर 2024 को लेकर कांग्रेस की चुप्पी के अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं।