छत्तीसगढ़

बिलासपुर : 13 साल से बर्खास्त होमगार्ड्स को हाईकोर्ट ने किया बहाल, लंबित भुगतान के भी दिए आदेश

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 13 वर्ष से बर्खास्त होमगार्ड्स की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने 6 बर्खास्त होमगार्ड्स को बहाल करने का फैसला सुनाया है। वहीं लंबित वेतन व देयकों का भुगतान करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा कि अपने हित के लिए एसोसिएशन बनाना संवैधानिक अधिकार है। इस आधार पर शासकीय कर्मचारी को बर्खास्त नहीं किया जा सकता। यह उसके अधिकारों का हनन है।

बता दें, सरकार ने संगठन बनाने वाले होमगार्ड्स को बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्त होमगार्ड्स ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि उनकी नियुक्ति नगर सैनिक के पद पर हुई थी। साल 2011 में गृह विभाग के अधीन संचालित होमगार्ड्स ने अपने मानदेय सहित सेवा में अन्य विसंगतियों को लेकर एकजुटता दिखाई थी। इसके लिए उन्होंने संघ बया था। होमगार्ड्स की एकजुटता को देखते हुए राज्य के पुलिस जवानों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। पुलिस परिवार के सदस्यों के साथ जवानों ने आंदोलन किया था। जिसके बाद शासन ने सख्ती दिखाते हुए जवानों को सस्पेंड कर दिया और बर्खास्त भी कर दिया था। बाद में उनकी बहाली कर दी गई।

प्रदेश के होमगार्ड्स के कल्याण और उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए होमगार्ड चित्रसेन, जगजीवन, त्रिलोचन सहित तीन अन्य ने वर्ष 2011 में होमागर्ड सैनिक संगठन बनाया। जिसे एसोसिएशन होम गार्ड सैनिक एवं परिवार कल्याण संघ नाम दिया गया। इसकी जानकारी होने पर विभाग के अफसरों ने मार्च 2011 में सस्पेंड कर दिया और शोकाॅज नोटिस जारी किया। अप्रैल में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

इसकी जानकारी होने पर विभाग के अफसरों ने मार्च 2011 में सस्पेंड कर दिया और शोकाॅज नोटिस जारी किया। अप्रैल में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। राज्य बनने के बाद पहली बार पुलिस जवानों और होम गार्ड्स एकजुट होकर अलग-अलग आंदोलन किए थे। यह पहला मौका था जब प्रदेश में वर्दीधारी पुलिस जवानों ने अपने परिवार के साथ आंदोलन किया था। जिसे शासन के अफसरों ने दबाने का प्रयास किया था।