बिलासपुर। हाईकोर्ट ने यात्री ट्रेनों को लगातार रद्द किए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए रेलवे बोर्ड को केंद्र शासन से इस बारे में निर्देश लेकर जानकारी पेश करने कहा है. कोर्ट ने रेलवे से यह भी पूछा है कि मालगाड़ियां उसी रूट पर लगातार चलाई जा रही हैं तो यात्री ट्रेनें क्यों नहीं चल सकतीं. पटरियों की खराब होने की बात है तो यात्री ट्रेनें तो चल ही नही रहीं तो मेंटेनेंस क्यों नहीं हो रहा है. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार 21 मार्च को होगी.
बिलासपुर के कमल कुमार दुबे ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है, जिसमें कहा गया है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में यात्री गाड़ियां लगातार रद्द की जा रही हैं. यात्रियों को अनेक अवसरों पर अचानक ही मालूम चलता है कि यह एक्सप्रेस या पेसेंजर ट्रेन अब नहीं जाएगी. इसके साथ ही कई बार बीच रस्ते में ही ट्रेन सस्पेंड की जाती है. इसकी वजह से हजारों की संख्या में आने जाने वाले यात्रियों को बेहद परेशान होना पड़ता है. लंबे समय से रेलवे इसी तरह का व्यवहार करते आ रहा है.
याचिका में कहा गया है कि दूसरी ओर मालगाड़ियां उसी रूट पर लगातार चलाई जा रही हैं. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने रेलवे से पूछा कि क्या वजह है कि यात्री गाड़ियां अचानक बड़ी संख्या में रद्द की जा रही हैं. रेलवे की ओर से केंद्र शासन के वकील ने कहा कि रेलवे ट्रेक पर काम चलता है, इसी कारण गाड़ियां रोकनी पड़ती हैं. हाईकोर्ट ने इस पर पूछा कि उसी ट्रेक पर मालगाड़ी कैसे चलाई जाती है. इसका कोई समुचित जवाब नहीं दिया जा सका. कोर्ट ने इस पर रेलवे बोर्ड के निर्देश के साथ अगले गुरुवार को फिर सुनवाई तय की है.