नईदिल्ली : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के मालिक एलोन मस्क अब डीपफेक पर लगाम लगाने की तैयारी कर रहे हैं। मस्क ने कहा है कि Improved Image Matching पर एक नया अपडेट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर डीपफेक के साथ-साथ शैलोफेक को भी हरा देगा।
यह नया अपडेट 30% अधिक पोस्ट्स पर नोट्स दिखाएगा,जिनमें एक जैसी (समान) या मिलती जुलती तस्वीरें होंगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X ने पोस्ट शेयर कर कहा है कि हमने अभी अपडेट जारी किया है और इस अपडेट के इस्तेमाल से किसी भी गलत और फेक इमेज मैच पर पूरी नजर रखी जाएगी। इस कदम पर एलोन मस्क का कहना है कि इसकी मदद से डीपफेक जैसी समस्या को कम करने में बड़ा अंतर देखने को मिल सकता है।
ऐसे मदद करेगा नया फीचर
ShallowFex Artificial Intelligence (AI) की मदद के बिना तैयार किए गए फोटो, वीडियो और वॉयस क्लिप हैं और बड़े लेवल पर उपलब्ध एडिटिंग एवं सॉफ्टवेयर टूल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी तस्वीरों पर X Notes ऑटेमेटिकली पोस्ट्स पर दिखाई देते हैं, जिनमें मिलती-जुलती तस्वीरें होती हैं।
कंपनी का कहना है कि इन नोट्स का दर्जनों, सैकड़ों और कभी-कभी हजारों पोस्ट पर मिलान होना एक सामान्य सी बात है। लेकिन इस नए अपडेट की मदद से आप सीधे नोट डिटेल में देख सकते हैं कि एक इमेज नोट कितने पोस्ट से मैच हो रहा है।
ग्लोबल इलेक्शन सीजन में एक्सपर्ट्स ने फेक न्यूज और डीपफेक के प्रसार के बारे में चेतावनी जारी की है, जिनका उद्देश्य इलेक्शन में हस्तक्षेप करना है। इंडिपेंडेंट ओवरसाइट बोर्ड, जिसमें दुनियाभर के 22 ग्लोबल ह्यूमन राइट्स और फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन एक्सपर्ट्स हैं। इन्होंने ग्लोबल इलेक्शन्स को खतरे में डालने वाले Deepfake से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। शायद इसी वजह से एलोन मस्क ने अपने X प्लेटफॉर्म पर डीपफेक की घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।
आखिर क्या है ये डीपफेक
डीपफेक देखने में बिल्कुल रियल इमेज और वीडियो की तरह ही नजर आती है। यह टेक्नोलॉजी ऐसी एल्गोरिदम और पैटर्न को लर्न करती है कि इससे बनाए गए वीडियो और इमेजेस रियल और ऑरिजनल नजर आते हैं, जिनमें समानता करना कि कौन सा फेक है और कौनसा रियल बेहत मुश्किल हो जाता है। इससे बनी वीडियो और इमेज पर लोग भरोसा भी कर लेते हैं।