नईदिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को एक और बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के दिल्ली का मुख्यमंत्री बने रहने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनावाई करने से इनकार करते हुए कहा हम ऐसा नहीं कर सकते।
बता दें दिल्ली के शराब नीति घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था। कोर्ट द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद से केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद थे लेकिन उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था।
गौरतलब है दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को दिल्ली के सीएम पद से हटाए जाने संबंधी याचिका कोर्ट में दायर की गई थी। 13 मई यानी आज सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की सीएम पद से हटाए जाने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया।
याचिकाकर्ता ने की थी ये अपील
याचिकाकर्ता ने कहा था मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते पद नहीं छोड़ रहे हैं। याचिकाकर्ता ने इसके साथ दावा किया कि केजरीलवाल के जेल में रहने के कारण सीएम पद के जरूरी काम प्रभावित हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
इस याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “यह देखना एलजी के अधिकार क्षेत्र में आता है। सुप्रीम कोर्ट किसी को पद से हटाने का आदेश नहीं दे सकता है। यह औचित्य का विषय है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।”
बता दें शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से सीएम केजरीवाल को बड़ी राहत मिली क्योंकि कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी हालांकि दो जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था। केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जमानत मंजूर की थी। 50 दिन बाद तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद से आम आदमी पार्टी प्रमुख दिल्ली में ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं।