नईदिल्ली : आईपीएल 2024 में ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम को लेकर काफी विवाद हो रहा है। कई पूर्व क्रिकेटर्स और क्रिकेट पंडितों का इस पर बयान आया है। टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भी इस नियम का समर्थन किया था। वहीं, पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और दिल्ली कैपिटल्स टीम के मौजूदा डायरेक्टर सौरव गांगुली ने भी इस नियम को खिलाड़ियों के लिए शानदार बताया था। हालांकि, दिल्ली की टीम में ही इस नियम को लेकर दो पक्ष दिख रहे हैं। जहां गांगुली ने इसका समर्थन किया था, वहीं टीम के हेड कोच रिकी पोटिंग का मानना है कि यह नियम खत्म होने के बाद भी आईपीएल मुकाबलों में बड़े स्कोर बनते रहेंगे।
इम्पैक्ट प्लेयर नियम टीमों को मैच के दौरान किसी भी समय टॉस के दौरान घोषित शुरुआती प्लेइंग-11 में से किसी एक खिलाड़ी को बदलने की अनुमति देता है। इसे लेकर लोगों की राय बंटी हुई है। जैसे कि भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने इसे ऑलराउंडर के लिए नुकसानदायक बताया था, क्योंकि उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिलता।
पोंटिंग की इम्पैक्ट प्लेयर नियम को लेकर राय
तीन वनडे विश्व कप जीत चुके पोंटिंग ने दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाजी कोच प्रवीण आमरे की आत्मकथा ‘जीरो फॉर 5: द थ्रिलिंग क्रिकेट जर्नी ऑफ प्रवीण आमरे’ के विमोचन के दौरान कहा- इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या इम्पैक्ट प्लेयर नियम आईपीएल में बना रहेगा या नहीं। अगर ऐसा नहीं होता है तो क्या स्कोर फिर से कम बनेंगे? मुझे इस विषय को लेकर दिलचस्पी है।
उन्होंने कहा- हां, इम्पैक्ट प्लेयर शीर्ष क्रम के खिलाड़ियों को थोड़ी राहत प्रदान करता है, लेकिन मुझे लगता है कि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज क्रीज पर उतरकर एक निश्चित तरीके से खेलने के आदी हैं। मेरा मतलब है कि जेक फ्रेजर-मैकगर्क को एक अलग तरीके से खेलने के लिए कहने की कोशिश करना या ट्रेविस हेड को थोड़ा रक्षात्मक होने के लिए कहना, ऐसा होने वाला नहीं है।
पिछले सीजन लागू हुआ था इम्पैक्ट प्लेयर नियम
इम्पैक्ट प्लेयर 2023 में लागू हुआ था। इसका असर यह है कि इस साल आईपीएल में अब तक 36 बार 200 या इससे अधिक रन बन चुके हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 37 बार का था। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा है कि अगर आईपीएल के अंत में हितधारक चाहेंगे तो इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
पोंटिंग ने इन्हें पारंपरिक शैली का बल्लेबाज बताया
पिछले 10 वर्षों में खेल के विकास के बारे में बात करते हुए पोंटिंग ने कहा कि पांरपरिक तकनीक वाले बल्लेबाजों के लिए इस खेल में जगह कम हो रही है। उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड अब जिस तरह से खेलने की कोशिश कर रहा है, उसे देखिए। उनके खिलाड़ी बहुत ज्यादा वनडे या टी20 क्रिकेट खेलकर आए हैं। टेस्ट क्रिकेट में अब भी पारंपरिक शैली के बल्लेबाजों के लिए जगह है, लेकिन उसमें भी आक्रामकता देखी जा सकती है।
पोंटिंग ने कहा कि भारतीय सुपरस्टार विराट कोहली और इंग्लैंड के जो रूट पारंपरिक तकनीक वाले कुछ शीर्ष बल्लेबाजों में से हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले 10 वर्षों में आधुनिक बल्लेबाजों में बहुत अधिक क्लासिक बैटिंग देखने को नहीं मिली है। इस तकनीक के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को देखें तो जो रूट शायद सबसे पारंपरिक शैली वाले क्रिकेटर हैं। स्टीव स्मिथ थोड़े अलग रहे हैं, मार्नस लाबुशेन अपने खेलने के तरीके के कारण थोड़े अलग रहे हैं। विराट पारंपरिक और तकनीकी रूप से भी बहुत अच्छे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि उनकी तकनीक में भी थोड़ा बदलाव आया है।