छत्तीसगढ़

हम आधी रात को तेल जला रहे, हेमंत सोरेन पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

नईदिल्ली : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हालांकि सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली, लेकिन सुनवाई के अंत में जजों की छुट्टियों का मसला उठा और सुप्रीम कोर्ट भड़क गया. जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि हम आधी रात को तेल जला रहे हैं, हम यहां छुट्टियों में क्या कर रहे हैं?

दरअसल हाल ही में एक लेख (एक आर्थिक सलाहकार) जजों की छुट्टियों पर छपा था, जिसको लेकर सर्वोच्च अदालत ने यह टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि शायद ही ऐसा कोई मामला हो, जो सरकार द्वारा समय पर दाखिल किया जाता हो.हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के दौरान बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है मिस्टर कपिल सिब्बल कि इतने घंटे लगाने के बावजूद, हमें यह सुनना पड़ता है कि जज बहुत कम घंटे काम करते हैं. सिब्बल हेमंत सोरेन के लिए बेंच के समक्ष पेश हुए थे.

बेंच में शामिल जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कहा, पिछले सप्ताह एक बड़ा लेख आया था. इस पर जस्टिस दत्ता ने कहा कि हम आधी रात को तेल जला रहे हैं, हम यहां छुट्टियों में क्या कर रहे हैं? जस्टिस दत्ता ने आगे कहा, हमारे सामने मुश्किल से ही कोई ऐसा मामला आता है, जो समय के भीतर दायर किया गया हो. तो उन लोगों को जो न्यायपालिका में बाधा डालते हैं, इन चीजों को रोकें.

कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

इस पर सिब्बल ने कहा कि यह अदालत दुनिया के सभी देशों में सबसे अधिक काम करने वाला न्यायालय है. किसी भी देश में कोई भी जज इतनी मेहनत नहीं करता. जस्टिस दत्ता ने कहा चूंकि वे शासन का हिस्सा हैं, हम उम्मीद करेंगे कि कम से कम केंद्र सरकार या किसी राज्य द्वारा दायर मामले में अपील समय के भीतर दाखिल हो. हर मामले में देरी के लिए माफी ली जाती है. अधिकारी समय पर नहीं आते, लेकिन वो कहते हैं हम कम काम करते हैं? जज उनके सामने नहीं हैं, वो कैसे समझाएंगे. इस पर सिब्बल ने कहा लेकिन नागरिकों पर इसका प्रभाव देखिए, बस इतना ही. यह बहुत दुखद है.

सोरेन को नहीं मिली राहत

हेमंत सोरेन चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. उन्होंने अंतरिम जमानत याचिका दाखिल की थी. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में उनकी तरफ से दलीलें रखी. हालांकि सोरेन और प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने पूर्व सीएम की याचिका को खारिज कर दिया. ईडी ने दलील दी थी कि अगर हेमंत सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो जेल में बंद सभी नेता जमानत की मांग करेंगे.