रायपुर : छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले के बाद बड़ा कदम उठा रही है। राज्य की भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में बने जाति प्रमाणपत्रों की जांच करवाने का फैसला लिया है। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस संबंध में एकदम स्पष्ट संकेत दिए हैं।
राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में बीते 5 सालों तक कांग्रेस की सरकार थी। इस दौरान नगरीय निकायों में बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाणपत्र बने हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाए जाने की शिकायत की जाती है, तो राज्य सरकार ऐसे सभी फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच कराएगी।
ज्ञात हो कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में कई वर्गों का ओबीसी दर्जा रद्द कर दिया है। वर्ष 2010 से 77 समुदायों को ओबीसी प्रमाण पत्र बांटे गए थे। उन्हें हाईकोर्ट के आदेश के बाद रद्द कर दिया गया है। इन प्रमाण पत्रों में से अधिकतर मुस्लिम समुदाय से जुड़े हुए थे।
उच्च न्यायलय ने अपने फैसले में साफ किया है कि जिन वर्गों का सामान्य पिछड़ा वर्ग से दर्जा हटाया गया है, उसके सदस्य अगर पूर्व से ही सेवा में हैं या आरक्षण का लाभ ले चुके हैं तो उनकी सेवाएं इस निर्णय से प्रभावित नहीं होंगी। दरअसल, यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा हो गया है। भाजपा ने इसे ममता बनर्जी सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति बता रही है।