पुणे : देश में इन दिनों पुणे में हुए सड़क हादसे की चर्चा हो रही है। यहां एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो शराब के नशे में धुत था। इस मामले में लगातार नए-नए पहलू सामने आ रहे हैं। अब नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन पर ड्राइवर को धमकाने और उसका अपहरण करने का आरोप है।
आज सुबह गिरफ्तार
एक अधिकारी के मुताबिक सुरेंद्र अग्रवाल ने ड्राइवर गंगाराम को धमकी दी थी। अपने बेटे विशाल अग्रवाल के साथ मिलकर ड्राइवर को यह बयान देने के लिए मजबूर किया था कि दुर्घटना के दौरान वो कार चला रहा था। क्राइम ब्रांच की टीम ने सुरेंद्र अग्रवाल को शनिवार की सुबह करीब तीन बजे उनके घर से गिरफ्तार किया है।
एक दिन पहले, पुणे पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने कहा था कि यह दिखाने का प्रयास किया गया था कि कार नाबालिग नहीं चला रहा था।
ड्राइवर की शिकायत पर कार्रवाई
पुणे क्राइम ब्रांच ने ड्राइवर गंगाराम की शिकायत पर सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। उसने शिकायत की थी कि सुरेंद्र अग्रवाल और उसके लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था। उसके साथ मारपीट की थी और पोर्श कार चलाने का दोष लेने की धमकी दी थी। उन्होंने बताया कि ड्राइवर की शिकायत पर यरवदा पुलिस ने किशोर के दादा और पिता के खिलाफ आईपीसी की धारा 365 (व्यक्ति को बंधक बनाकर रखने के इरादे से अपहरण) और 368 (गलत तरीके से छिपकर रखना या बंधक बनाकर रखना) के तहत मामला दर्ज किया है।
अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया, ‘दुर्घटना के बाद किशोर के दादा और पिता ने कथित तौर पर ड्राइवर का फोन ले लिया था और उसे 19 मई से 20 मई तक अपने बंगले में बंद रखा। बाद में ड्राइवर की पत्नी ने उसको वहां से निकाला।’
यह है मामला
पुणे शहर में 18-19 मई की दरम्यानी रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी। हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था।
नाबालिग के पिता समेत छह आरोपी 7 जून तक न्यायिक हिरासत में
अब पुणे की एक विशेष अदालत ने कार दुर्घटना मामले में छह आरोपियों को सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हिरासत में भेजे गए लोगों में आरोपी नाबालिग के पिता भी हैं। पुणे पुलिस ने इस मामले की एफआईआर में आरोपी के पिता, बार के मालिक और मैनेजर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और महाराष्ट्र प्रतिबंधित कानून की धारा 65 (ई) और 18 को भी जोड़ दिया है। साथ ही इस मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। इस मामले में पुलिस जांच पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि नाबालिग आरोपी के खिलाफ खून की रिपोर्ट के अलावा और भी कई सबूत हैं। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक की जांच में ये बात भी निकलकर सामने आ रही है कि आरोपी के पिता ने इस दुर्घटना के बाद अपने बेटे की जगह ड्राइवर बदलने की कोशिश की थी।
हमारे पास सीसीटीवी फुटेज
पुणे सीपी अमितेश कुमार ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था, ‘हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं, जिसमें नाबालिग शराब पीता हुआ दिख रहा है। मैं यह कहना चाहता हूं कि इस मामले में हमारे पास सिर्फ रक्त रिपोर्ट ही नहीं बल्कि और भी कई सबूत हैं। नाबालिग अपने होश में था। ऐसा नहीं था कि वह लोग इतने नशे में थे कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि उनके आचरण के कारण धारा 304 कैब जैसी घटना हो सकती है। थाने में पिज्जा पार्टी के मामले में कोई सबूत नहीं है।’