छत्तीसगढ़

विभव कुमार के वकील ने कोर्ट में रखी दलील, स्वाति मालीवाल सीएम हाउस में जबरन घुसीं, जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में रो पड़ीं राज्यसभा सांसद

नईदिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार की जमानत याचिका पर सोमवार (27 मई) को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान विभव के वकील हरी हरन ने कहा कि स्वाति मालीवाल जबरन मुख्यमंत्री आवास में घुसी थीं. उनका इरादा परेशान करने का था. सांसद होने के नाते उन्हें कुछ भी करने की छूट नहीं दी जा सकती है. राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया है.

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल भी मौजूद रहीं. विभव कुमार के वकील हरी हरन ने कहा कि मालीवाल की तरफ से दर्ज करवाई गई एफआईआर में आईपीसी की धारा 308 लगाई गई है, जिस पर सत्र न्यायालय में सुनवाई हो सकती है. आइए एफआईआर देखें और देखें कि क्या ये धाराएं लागू भी होती हैं? धारा 308 आईपीसी, क्या इसे भी ऐसे ही रखा गया है? मालीवाल ने यह नहीं कहा कि वह सीएम के बुलाने पर परिसर में आई थीं.

सांसद होने के नाते क्या कुछ भी करने की छूट: विभव कुमार के वकील

वकील हरी हरन ने सवाल किया कि मालीवाल वह आवास में घुस गईं. यह अतिक्रमण के बराबर है. क्या कोई इस तरह से आवास में घुस सकता है? हमने उनके (मालीवाल) खिलाफ अतिक्रमण की शिकायत भी की है. यह सीएम का घर है, क्या कोई इस तरह से आ सकता है? सांसद होने के नाते, क्या आपको कुछ भी करने की छूट है?

विभव के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल से कहा गया कि सांसद को आप बाहर इंतजार करवाओगे? वह इस तरह के बयान देकर तुरंत उकसावे का काम कर रही थीं. उन्हें सीएम के आवास में किसने बुलाया? वह अपने मन में कुछ सोच कर आई थीं. आने से पहले उन्होंने कुछ सोच रखा था. फिर उन्होंने बार-बार सुरक्षाकर्मियों से पूछा कि क्या उन्होंने  विभव से बात की है?

दिल्ली पुलिस की जांच पर उठे सवाल

सुनवाई के दौरान वकील ने बताया कि मालीवाल बार-बार बिभव के बारे में पूछ रही थीं. क्या उन्हें बुलाया गया था? उन्हें सीएम के आवास पर किसने बुलाया? वह जबरन अंदर घुस रही हैं. यह अतिक्रमण है और एफआईआर हमारे खिलाफ है. यह किस तरह की जांच है? विभव कुमार के वकील ने दिल्ली पुलिस पर भी सवाल उठाए. दलीलें रखते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा बनाई गई रिपोर्ट की अनदेखी क्यों की? यह किस तरह की जांच है? 

वकील हरी हरन ने कहा कि स्वाति मालीवाल परेशानी पैदा करने के लिए पहले से ही सोची-समझी मंशा से आई थीं. वह अक्सर यहां आती रही हैं, इसलिए उन्हें क्या अतिक्रमण का अधिकार है?

कोर्ट में रोने लगीं स्वाति मालीवाल

वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में स्वाति मालीवाल के मुख्यमंत्री आवास से निकलने का वीडियो जज को दिखाया गया. इसी दौरान दिल्ली पुलिस की एफआईआर के बारे में विभव के वकील जज को बता रहे थे, तभी स्वाति मालीवाल कोर्ट रूम में रोने लगीं. वकील ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज बरामद की गई है. इसके साथ किसी तरह की कोई छेड़छाड़ का सवाल नहीं उठता है. 

जज को विभव के वकील ने बताया कि पूछताछ में शुरू से ही उनके मुवक्किल उपलब्ध रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस दिन घटना हुई, उस दिन शिकायत नहीं दर्ज कराई गई, बल्कि उसके तीन दिन बाद एफआईआर हुई. उसके तीन दिन बाद AIIMS में एमएलसी कराई गई, जो अस्पताल घटनास्थल के पास में है, वहां नहीं जाया गया. इसके साथ ही विभव के वकील ने अपनी दलीलें पूरी कीं.