छत्तीसगढ़

डीएनए जांच के जरिये नौ शवों की हुई पहचान; फोरेंसिक टीम कर रही चौबीसों घंटे काम

अहमदाबाद : राजकोट के टीआरपी गेम जोन में लगी आग में मरने वाले 27 लोगों में से नौ लोगों के शवों की पहचान हो गई है। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिये हुई है। गौरतलब है कि इस मामले में राजकोट नगर निगम प्रमुख, पुलिस आयुक्त और दो आईपीएस अधिकारियों का तबादला भी किया गया है।

डीएनए जांच से हुई पहचान
गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने सोमवार को फोरेंसिक लैब का दौरा किया और उसके बाद डीएनए जांच के जरिये नौ शवों की पहचान की घोषणा की। सांघवी ने कहा, मैं उन परिवारों का गुस्सा समझ सकता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। फोरेंसिक टीम चौबीसों घंटे काम कर रही है। पूरे स्टाफ ने अपनी छुट्टियां और अन्य यात्रा योजनाएं रद्द कर दी हैं ताकि सभी नमूनों का जल्द से जल्द विश्लेषण किया जा सके। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी हर घंटे अपडेट ले रहे हैं।

सांघवी ने कहा, चूंकि जले हुए शवों से खून के नमूने लेना असंभव था, फोरेंसिक विशेषज्ञों ने मृतकों और उनके रिश्तेदारों के डीएनए से मिलान करने के लिए हड्डियों के नमूने लिए हैं। नमूनों को सड़क के रास्ते गांधीनगर लाने वक्त लगता इसके लिए मुख्यमंत्री ने एयर अंबुलेंस से नमूने लाने का निर्देश दिया था।

चौबीसों घंटे काम कर रही फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम 
मंत्री ने कहा, डीएनए मिलान की प्रक्रिया रविवार सुबह शुरू हुई। 18 फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम तब से चौबीसों घंटे काम कर रही है ताकि पहचान के बाद शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंपा जा सके। यह प्रक्रिया लंबी है और इसमें नौ चरण शामिल हैं। डीएनए मिलान के लिए रिश्तेदारों के रक्त के नमूनों का मृतक के रक्त या हड्डी के नमूनों से मिलान किया जाता है। आमतौर पर, प्रत्येक नमूना विश्लेषण में लगभग 48 घंटे लगेंगे। अब तक नौ शवों की पहचान हो चुकी है। फिलहाल आठ नमूनों का विश्लेषण चल रहा है। रिपोर्ट आते ही हम परिजनों को सूचित करेंगे।