नईदिल्ली । देश में मानसून की एंट्री हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून केरल में प्रवेश कर चुका है और वहां झमाझम बारिश हो रही है। मानसून के आने से अब कई राज्यों को भीषण गर्मी से राहत मिलने वाली है। इस बीच मौसम विभाग ने बताया कि मानसून की एंट्री अनुमान से दो दिन पहले हुई है। आज यानी 30 मई को पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश भागों में मानसून आगे बढ़ गया है।
केरल के कोट्टायम जिले के कई हिस्सों में मानसून की पहली बारिश दर्ज की गई है। आईएमडी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में दस्तक दे चुका है और आज 30 मई को पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून इस बार पूर्वानुमान 1 जून से दो दिन पहले आया है। कुछ ही घंटों में मानसून पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में पहुंच जाएगा।
केरल में 30 मई को मानसून के दस्तक देने के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी मानसून की शुरुआत हो जाएगी। वहीं मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मानसून 12 जून को बस्तर से होते हुए छत्तीसगढ़ में प्रवेश करेगा।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरने वाले ‘रेमल’ चक्रवात ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो पूर्वोत्तर में समय से पहले दस्तक देने का एक कारण हो सकता है।भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में दस्तक दे चुका है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, केरल में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई में अतिरिक्त बारिश हुई है। केरल में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि 1 जून है, जबकि अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में यह तिथि 5 जून है। आईएमडी केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में अल नीनो की स्थिति बनी हुई है और अगस्त-सितंबर तक ला नीना की स्थिति बन सकती है।