छत्तीसगढ़

समाजवादी पार्टी को लगा तगड़ा झटका…, आजम खान को 10 साल की सजा, एमपी-एमएलए कोर्ट ने लगाया 14 लाख का जुर्माना

नईदिल्ली : लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होना है. इससे पहले समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है साथ ही 14 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट की तरफ से बरकत अली ठेकेदार को भी सात साल की सजा सुनाई गई है और 6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. डूंगरपुर में दर्ज प्रकरण मामले में एमपी,एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है. आजम खान औ बरकत अली ठेकेदार को भी सजा सुनाई गई है. आजम खान और ठेकेदार बरकत अली को कल एमपी,एमएलए कोर्ट की तरफ से डूंगरपुर बस्ती मामले में दोनों को दोषी करार किया है.

सपा नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं. अब उनको एक और मामले में दोषी पाया गया है और कोर्ट की तरफ से सजा भी सुना दिया गया है. बता दें कि सपा नेता आजम खान पर वर्ष 2019 में डूंगरपुर बस्ती को जबरन खाली कराने और धमकाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में आजम खान और बरकत अली ठेकेदार को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. 

क्या था पूरा मामला

रामपुर जिले की एक अदालत ने एक व्यक्ति का घर जबरन खाली कराकर उसे ध्वस्त करवाने के आठ साल पुराने एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार दिया है. आजम खान इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उनकी पेशी हुई. आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि जबरन मकान खाली करवाकर उसे ध्वस्त करवाने के मामले में विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने पूर्व मंत्री को दोषी करार दिया.

बता दें कि डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार नामक व्यक्ति ने छह दिसम्बर 2016 को गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आजम खान, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था. इसके साथ उसने यह भी इल्जाम था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था.