रायपुर। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या और बाॅलीवुड स्टार सलमान खान के घर पर गोलियां चलवाने वाले लारेंस बिश्नोई गैंग ने मीडिया को एक मेल भेजा है। जो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो रहा है। मयंक सिंह नाम के गैंगस्टर की ओर से भेजे गए इस मेल में मीडिया में चल रही रंगदारी की खबर से इनकार किया गया है और दो कंपनियों के मालिकों को खुली चुनौती दी गई है कि इनके परिवार से एक-एक सदस्य को कम कर दिया जाएगा। इधर मेल के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई है। कारोबारियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। सभी पर नजर रखी जा रही।
मेल के मुताबिक कारोबारियों ने झारखंड पुलिस के साथ साजिश रची थी। साजिश के तहत गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी कराई थी। इस गिरफ्तारी को हम चुनौती के तौर पर लेते हैं। कहा गया है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ वारदात का प्लान है। कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिकों ने गैंग के लोगों को परेशान किया है। गैंग में हथियारों और शूटर की कोई कमी नहीं है। झारखंड में कारोबार करने वाला हमें दरकिनार नहीं कर सकता है।
‘गैंग में हथियारों और शूटर की कोई कमी नहीं’
बता दें कि प्रदेश में दो बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में पहुंचे लाॅरेंस विश्नोई और अमन साहू गैंग के शूटर्स पकड़े गए थे। ये दोनों रायगढ़ और रायपुर के दो कारोबारी जिनका झारखंड में कंस्ट्रक्शन और कोल का काम है, उन्हें मारने की फिराक में थे। लेकिन पुलिस ने इन्हें पहले ही पकड़ लिया।
कहा जा रहा था कि ये वसूली यानी प्रोटेक्शन मनी से जुड़ा मामला है। लेकिन मेल भेज कर साफ किया है कि ये हत्या पैसों के लिए नहीं बल्कि बदला लेने के लिए हो रही थी। इसके साथ ही इस मेल में ये भी लिखा है कि गैंग में हथियारों और शूटर की कोई कमी नहीं और झारखंड में कारोबार करने वाला हमें दरकिनार नहीं कर सकता।
शूटर्स से सच उगलवाने की कोशिश में पुलिस
पकड़े गए शूटरों में पप्पू सिंह, देवेंद्र सिंह, रोहित स्वर्णकार और मुकेश कुमार दाे जून तक पुलिस की रिमांड में हैं। इसमें पप्पू सिंह बाकी तीन शूटरों का मुखिया है और राजस्थान के पाली का रहने वाला है। इस मामले में पुलिस फिलहाल शूटर्स से पूछताछ कर रही है। उनके लिंक कहां-कहां है, उसकी जानकारी हासिल की जा रही है। इधर पिस्टल उपलब्ध कराने वाले की खोज में पुलिस लगी हुई है।
कारोबारियाें पर साइकोलाजिकल प्रेशर बनाकर रंगदारी की मांग
झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा भी खनन से जुड़ा है। वहां इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इन प्रदेशों में आर्गेनाइज्ड क्राइम का अनुपात ज्यादा रहा, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्य से आकर लोग हमला बोल रहे हैं। प्रदेश में भी अब कांट्रेक्ट किलिंग का फॉर्मेट चलाने की कोशिश की जा रही है।
इस तरह की घटनाओं के जरिए गैंग कारोबारी पर साइकोलाॅजिकल प्रेशर और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। क्योंकि सबसे ज्यादा पैसा खनन, रेत, शराब में है और यही वजह है कि अब गैंग की नजर छत्तीसगढ़ की ओर है। सुपारी किलिंग के लिए प्रदेश में बड़े-बड़े गिरोह काम कर रहे हैं।