छत्तीसगढ़

ईवीएम तोड़ने वाले विधायक को हाई कोर्ट ने दी राहत तो भड़का सुप्रीम कोर्ट, सिस्टम का बना दिया मजाक…

नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के एक विधायक को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल, आंध्र प्रदेश में मतदान केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को नष्ट करने के आरोपों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मचेरला विधायक पिनेली रामकृष्ण रेड्डी मतगणना केंद्र या उसके आसपास के क्षेत्र में जाने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “क्या हमारा मज़ाक उड़ाया जा रहा है? यह सरासर मज़ाक है. इतने सारे लोग मतदान केंद्र में कैसे प्रवेश कर सकते हैं?”

रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ विपक्षी टीडीपी के नंबूदरी शेषगिरी राव द्वारा रेड्डी के खिलाफ दायर दो याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि रेड्डी और उनके सहयोगियों ने मचेरला में मतदान केंद्र में प्रवेश किया और ईवीएम को नष्ट कर दिया. याचिकाकर्ता ने अन्य बातों के साथ-साथ यह आशंका भी व्यक्त की कि मतदान के दिन हुई कथित घटना लोकसभा चुनाव की मतगणना के दिन दोहराई जा सकती है.

हालांकि, आज सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार और संदीप मेहता ने हाई कोर्ट के फैसले पर गंभीर सवाल उठाए, जिसे उन्होंने “सिस्टम का पूरा मज़ाक” बताया. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह अंतरिम संरक्षण को रद्द करने के बारे में सोच रही है, जिससे पिनेली रामकृष्ण रेड्डी को गिरफ़्तारी का मौका मिल जाता.

सुप्रीम कोर्ट ने EVM तोड़ने के मामले पर जताई नाराजगी

वहीं, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने घटना का वीडियो दिखाए जाने के बाद कहा, “ऐसे मामलों में अदालत अंतरिम संरक्षण कैसे दे सकती है… अगर हम इस आदेश पर रोक नहीं लगाते हैं तो यह व्यवस्था का मजाक उड़ाने के समान होगा. कोर्ट ने कहा कि क्या हमारा मज़ाक उड़ाया जा रहा है? यह सरासर मज़ाक है. इतने सारे लोग मतदान केंद्र में कैसे प्रवेश कर सकते हैं?” इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह लाइव वेब प्रसारण था.

इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट दोनों छीन लिए गए और नष्ट कर दिए गए… मतदान केंद्र के अंदर आठ लोग मौजूद थे. इस पर कोर्ट ने कहा कि जमानत का सवाल ही कहां है?” साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि वह प्रथम दृष्टया वाईएसआरसीपी नेता के खिलाफ लगाए गए आरोपों को स्वीकार करने के लिए इच्छुक है.

यह कोई छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो नहीं- SC

जस्टिस संदीप मेहता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पहली नजर में यह कोई छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो नहीं है. ऐसे में कोर्ट ने अंतरिम संरक्षण आदेश तक छिपे रहने के लिए विधायक की भी आलोचना की, और इस चौंकाने वाली घटना पर पुलिस की प्रतिक्रिया की भी आलोचना की. कोर्ट की अवकाश पीठ ने कहा कि वह व्यवस्था का अपमान कर रहे हैं. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मौजूदा विधायक मतदान केंद्र पर जाते हैं, ईवीएम और वीवीपैट को नष्ट कर देते हैं, और ‘अज्ञात व्यक्ति’ के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाती है?

विधायक पर मतगणना केंद्र में प्रवेश करने पर रोक लगाई- SC

हालांकि, नाराज सुप्रीम कोर्ट ने पिनेली रामकृष्ण रेड्डी को उनके निर्वाचन क्षेत्र के मतगणना केंद्र में प्रवेश करने से रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को आदेश दिया कि वह विधायक रेड्डी के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई करे, जोकि गुरुवार के लिए सूचीबद्ध हैं. इस मामले में विधायक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करेंगे और पीठ से आग्रह किया कि हाई कोर्ट को प्रस्तावित याचिका पर सुनवाई करने की अनुमति दी जाए.  

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, पिछले दिनों आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले में एक मतदान केंद्र पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के पी रामकृष्ण रेड्डी ईवीएम को नष्ट करते हुए कैमरे में कैद हुए थे. वहीं, ये घटना 13 मई की है. हालांकि, कुछ ही दिनों के भीतर विधायक पिनेली रामकृष्ण रेड्डी को इस मामले और इससे जुड़े मामलों में संरक्षण मिल गया था.जहां हाई कोर्ट के जस्टिस वेंकट ज्योतिर्मयी ने अंतरिम आदेश जारी कर पुलिस को निर्देश दिया था कि वह लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद बुधवार को सुबह 10 बजे तक विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें.