छत्तीसगढ़

कठुआ पर फिर आतंकी साया: अमरनाथ यात्रा से पहले आतंकियों का सफाया करने की तैयारी, पहाड़ों पर लौटी सेना

कठुआ : कठुआ जिले के पहाड़ी इलाके सरथल से सटे छत्रगलां और लोहाई मल्हार से सटे बसंतगढ़ में आतंकी हमलों के बाद अब सेना ने कमान संभाल ली है। पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा की जिम्मेदारी फिर सेना को मिल गई है। बनी और मछेड़ी दोनों ही इलाकों में सेना की वापसी हो गई है। दोनों जगह सेना की एक-एक कंपनी तैनात कर दी गई है। श्री अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले आतंकियों के सफाए के लिए यह बड़ा कदम उठाया गया है।

सूत्रों के अनुसार, स्थायी तौर से बनी से हटाई गई सेना की वापसी लगभग छह महीने बाद हुई है। हालांकि सेना को हटाने की प्रक्रिया वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इन इलाकों को शांतिपूर्ण बताते हुए और आतंकियों की मौजूदगी खत्म होने के बाद सेना को धीरे-धीरे कर हटा लिया गया था। जिले का पहाड़ी उपमंडल बनी और बिलावर का लोहाई मल्हार इलाका बीते साढ़े तीन दशक से बेहद संवेदनशील रहा है।

90 के दशक में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ के बाद आतंकी नदी-नालों से होते हुए जिले के पहाड़ी इलाकों में रुकते रहे। जिससे इन इलाकों में दहशत थी। लोआंग इलाके से कई युवाओं को आतंकी राह पर भी ले जाया गया, जिनका समय के साथ सफाया कर दिया गया। ऐसी ही रणनीति आतंकियों ने लोहाई मल्हार के इलाकों में भी अपनाई। लेकिन बीते एक दशक तक आतंक का सेना ने इन इलाकों में पूरी तरह से सफाया कर दिया। बाकायदा मददगारों के रूप में काम कर रहे स्लीपर सेल भी ध्वस्त किए गए, जिसके बाद पाकिस्तान ने रणनीति बदल दी थी।

आतंकी हमलों के बाद स्थानीय लोग कर रहे थे सेना की मांग
हाल फिलहाल की आतंकी वारदातों के बाद साफ हो गया है कि पाकिस्तान एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में आतंक को जिंदा करने की फिराक में है। ऐसे में स्थानीय लोग भी सेना की वापसी की मांग कर रहे थे। शनिवार को बनी और मछेड़ी के इलाके में सेना के पहुंचने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। किसी भी गतिविधि पर फौरी कार्रवाई के लिए अब सेना इन इलाकों में लगातार गश्त करने वाली है।

इलाके में कई बार हो चुकी आतंकी वारदातें
स्थानीय लोगों के अनुसार, 90 के दशक की शुरूआत में नई बनी सरथल पुलिस पोस्ट पर आतंकियों ने हमला किया था। खुडवा के चुंचली मोड पर और लोआंग के सांव नाला बडयाल के पास आईईडी से वाहन भी उड़ाया गया था। वहीं, शिरोडी में सुरक्षाबलों की आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक दहशतगर्द को भी ढेर किया गया था। लोग बताते हैं कि ढग्गर धमान के इलाके में आतंकी लंबे समय तक सक्रिय रह चुके हैं। इसी दौर में लोहाई मल्हार में भी कुछ आतंक की राह पकड़कर पाकिस्तान निकल गए। सेना ने कई आतंकियों को सफाया किया तो वहीं इनके बैकअप मॉड्यूल को भी ध्वस्त कर दिया गया था।