नईदिल्ली : अमेरिकी में खालिस्तान समर्थक आतंकी की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने सोमवार को अमेरिकी अदालत में खुद को निर्दोष बताया है। 52 साल के निखिल गुप्ता को शुक्रवार को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था।
पिछले साल चेक गणराज्य में किया गया था गिरफ्तार
निखिल को न्यूयॉर्क में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है और अमेरिकी सरकार के कहने पर पिछले साल चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। पन्नु के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है।गुप्ता के वकील जेफरी चाब्रोवे ने बताया कि उन्हें सोमवार को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उन्होंने खुद को निर्दोष बताया।
निखिल गुप्ता ने पिछले महीने चेक संवैधानिक न्यायालय में अमेरिका को प्रत्यर्पण करने के खिलाफ याचिका दी थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अमेरिकी फेडरल अभियोजन पक्ष का आरोप है कि गुप्ता एक अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी के निर्देशों पर काम कर रहे थे।हालांकि, भारत ने इस तरह के मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और आरोपों की उच्च स्तरीय जांच शुरू की है।
निखिल गुप्ता के वकील चाब्रोवे ने पीटीआई को बताया, “यह हमारे दोनों देशों के लिए एक जटिल मामला है। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम प्रक्रिया में इतनी जल्दी निष्कर्ष पर पहुंचने से बचें। पृष्ठभूमि और विवरण विकसित होंगे जो आरोपों पर पूरी तरह से नई रोशनी में डाल सकते हैं।’’
पन्नू मामले में अमेरिका में डेमोक्रेटिक सांसदों ने बाइडन सरकार से प्रतिक्रिया मांगी
अमेरिका में डेमोक्रेटिक सांसदों के एक समूह ने सोमवार को अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोपों पर बाइडन प्रशासन से “मजबूत राजनयिक” प्रतिक्रिया मांगी है।
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को संबोधित करते हुए दो पन्नों के पत्र पर सीनेटर जेफ मर्कले, रॉन विडेन, टिम केन, बर्नी सैंडर्स और क्रिस वान होलेन ने हस्ताक्षर किए हैं।
अमेरिकी सांसदों ने लिखा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत राजनयिक प्रतिक्रिया का आग्रह करते हैं कि इसमें शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए, और इस मामले पर भारत सरकार के साथ प्रशासन की भागीदारी की स्थिति पर जानकारी देने का भी अनुरोध करते हैं।”
कब लाए गए अमेरिका?
निखिल गुप्ता को फिलहाल ब्रुकलिन में संघीय मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। यहां उन्हें कैदी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। मामले से परिचित लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि गुप्ता को इस सप्ताह के अंत में न्यूयॉर्क लाया गया था। आमतौर पर, प्रत्यर्पित किए गए प्रतिवादियों को देश में आने के एक दिन के भीतर अदालत में पेश होना पड़ता है।
यह है मामला
संघीय अभियोजकों का आरोप है कि गुप्ता ने पन्नु की हत्या के लिए एक हत्यारे को काम पर रखा था और उसे 15,000 डॉलर का अग्रिम भुगतान किया था। उनका आरोप है कि इसमें एक अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी शामिल था। गुप्ता का प्रत्यर्पण वार्षिक आईसीईटी वार्ता के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की नई दिल्ली यात्रा से पहले हुआ है। उम्मीद है कि सुलिवन अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे। भारत ने इस तरह के मामले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है और आरोपों की जांच शुरू की है। गुप्ता ने अपने वकील के माध्यम से आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन पर ‘अनुचित आरोप’ लगाए गए हैं।