छत्तीसगढ़

प्रियंका गांधी का क्या वायनाड में स्मृति ईरानी से होगा मुकाबला? 1999 का इतिहास बीजेपी दोहराएगी

नईदिल्ली : लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली सीट से जीत हासिल की थी. राहुल ने अब वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया है. वहीं वे रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. कांग्रेस ने वायनाड से उपचुनाव में प्रियंका गांधी को उतारने का फैसला किया है. इसी के साथ गांधी परिवार का एक और सदस्य चुनावी राजनीति में साउथ से एंट्री करने जा रहा है.

गांधी परिवार का साउथ से पुराना रिश्ता रहा है. इंदिरा गांधी 1978 का उपचुनाव कर्नाटक के चिकमगलूर से जीतीं थीं. इसके बाद 1980 में इंदिरा ने आंध्र के मेडक सीट से जीत हासिल की. 1999 में सोनिया गांधी ने भी अपना राजनीतिक करियर दक्षिण से किया था. वे 1999 में अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ी थीं और दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, बाद में बेल्लारी सीट उन्होंने छोड़ दी थी. 

वायनाड से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद सोशल मीडिया समेत राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि इस सीट से बीजेपी किसे उम्मीदवार बनाएगी. चर्चा ये भी है कि बीजेपी तेज तर्रार नेता स्मृति ईरानी को वायनाड सीट से उतार सकती है. भले ही स्मृति ईरानी इस बार अमेठी से के एल शर्मा के सामने लोकसभा चुनाव हार गई हों, लेकिन 2019 में वे कांग्रेस के गढ़ अमेठी से राहुल गांधी को हरा चुकी हैं. ऐसे में बीजेपी उन्हें इस सीट से उतार कर मुकाबला दिलचस्प बना सकती है.

1999 में जब सुषमा स्वराज ने लड़ा सोनिया के खिलाफ चुनाव

बीजेपी टिकटों को लेकर पहले भी चौंकाने वाले फैसले करते आई है. 1999 में जब सोनिया गांधी के बेल्लारी से डेब्यू करने की बात सामने आई थी, तब बीजेपी ने इस सीट से सुषमा स्वराज को टिकट देकर चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया था. सुषमा ने इस सीट पर सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि, वे इस चुनाव में हार गई थीं. सोनिया गांधी को 414000 वोट मिले थे. जबकि सुषमा स्वराज ने साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे. सोनिया गांधी इस चुनाव में करीब 56000 वोट से चुनाव जीत पाई थीं.