रायपुर। चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ की कांकेर लोकसभा सीट पर चुनाव में EVM में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। अब यहां पर EVM की जांच कराई जाएगी। कांकेर से भाजपा के भोजराज नाग ने जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के बीरेश ठाकुर को 1884 वोटों से हराया है।
इसके बाद कांग्रेस उम्मीदवार ने चुनाव के दौरान गड़बड़ी की आशंका जताई थी। इसे लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी की गई थी। इससे पहले भी मतगणना के दिन रिकाउंटिंग के चलते इस सीट का परिणाम सबसे देर से आया था। हालांकि परिणाम से संतुष्ट नहीं होने पर कांग्रेस उम्मीदवार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर EVM की जांच कराने की मांग की थी।
चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में EVM में गड़बड़ी की शिकायत के 8 आवेदन आए थे। इनमें छत्तीसगढ़ के कांकेर लोकसभा सीट के भी नाम शामिल थे। इनमें EVM की मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर की जांच की मांग की गई थी।
इसके बाद चुनाव आयोग ने कांकेर की 3 विधानसभा क्षेत्रों संजारी बालोद, गुंडरदेही और सिहावा के 4 बूथों पर जांच के आदेश दिए हैं। इनमें संजारी बालोद के 2 और बाकी के 1-1 बूथ शामिल हैं।
यह पहली बार है कि ECI ने EVM चेक कराने को लेकर गाइडलाइन जारी की है। 4 जून को काउंटिंग से पहले 1 जून को आयोग की ओर से यह गाइडलाइन आई थी। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि रिजल्ट आने के बाद जो भी सेकेंड पोजिशन वाला उम्मीदवार है, वह EVM चेक कराने के लिए आवेदन कर सकता है।
इसके लिए आयोग की ओर से एक EVM चेक कराने के लिए 50 हजार रुपए की फीस रखी गई है। हालांकि इसके लिए उम्मीदवार को रिजल्ट आने के 7 दिन के भीतर ही आवेदन किया जाना जरूरी है।
कांकेर सीट से बेहद करीबी मुकाबले में हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर ने 4 केंद्रों के EVM बदले जाने के आरोप लगाए थे। इसे लेकर उन्होंने कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की थी। इसमें संजारी बालोद, गुंडरदेही और सिहावा विधानसभा में EVM की जांच की मांग की थी।
बीरेश ठाकुर ने कहा था कि, मतदान के बाद जो EVM के नंबर एजेंट को दिए गए थे, मतगणना के दिन वो बदल कैसे गए, इसका जवाब निर्वाचन आयोग को देना होगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जिस EVM पर गड़बड़ी को आशंका हो उसकी जांच करवाई जा सकती है। इसलिए उन्होंने 4 EVM जहां नंबर अलग-अलग रहे हैं, उनकी जांच के लिए आवेदन किया है।
बीरेश ठाकुर ने तत्कालीन कांकेर कलेक्टर अभिजीत सिंह पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि 16वे राउंड के बाद 2 घंटे तक मतगणना का कोई अपडेट ही नहीं दिया गया। बीरेश ने कांकेर कलेक्टर के मोबाइल डिटेल जांच करने की भी मांग की थी। उन्होंने कहा था कि, कलेक्टर को ऊपर से फोन आने लगे थे। अगर उनके काल डिटेल की जांच की जाए तो सब साबित हो जाएगा।