नई दिल्ली। सऊदी अरब में हज के दौरान भीषण गर्मी और प्राकृतिक कारणों से मरने वालों की संख्या एक हजार से अधिक हो गई, जिसमें 98 भारतीय भी शामिल हैं। इस साल अब तक 1,75,000 भारतीय हज के लिए सऊदी अरब गए हैं। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। अबतक 10 देशों से 1,081 जायरीनों (हज पर जाने वाले लोगों को जायरीन कहते हैं) की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा मिस्र के 658 जायरीन शामिल हैं। केंद्रीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने इस पर प्रतिक्रिया दी।
हज करने गए भारतीयों की मौत मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने कहा, “इस साल हमारे पास 1,75,000 भारतीय हैं, जो पहले ही हज पर जा चुके हैं। हम अपने 98 नागरिकों को खो चुके हैं। उनकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है, जिसमें पुरानी बीमारी और बुढ़ापा भी शामिल है। अराफत के दिन छह भारतीयों की मौत हो गई और दुर्घटना के कारण चार भारतीयों की जान चली गई। पिछले साल हज के दौरान मरने वाले भारतीयों की संख्या 187 थी।”
सऊदी अरब का तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस
हज के दौरान जायरिनों को घंटों तक चलना पड़ता है और प्रार्थना करना पड़ता है। इस दौरान सऊदी में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हर साल कम से कम पांच लाख लोगों की मौत होती है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यह आंकड़ा 30 गुना बढ़ भी सकता है।
हज के दौरान होने वाली मौतों को लेकर सऊदी अरब के राजनयिक पहले ही प्रतिक्रिया दे चुके हैं। उन्होंने कहा, “ऐसा हर साल होता है। हम यह नहीं कह सकते कि इस साल ऐसा ज्यादा हुआ। यह कुछ पिछले साल जैसा है, लेकिन हमें मालूम है कि यह आने वाले दिनों में और होगा।”
बता दें कि पिछले कई वर्षों से हज सऊदी अरब की भीषण गर्मियों के दौरान होता आया है। पिछले महीने प्रकाशित सऊदी के एक अध्ययन के अनुसार, जिस क्षेत्र में इबादत की जाती है, वहां का तापमान हर दशक 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है।