नईदिल्ली : ये साल जिन बड़ी घटनाओं के लिए याद किया जाएगा उनमें से एक है बार-बार अलग-अलग परीक्षाओं में सामने आ रही गड़बड़ियां. अभी नीट से लेकर यूजीसी नेट परीक्षा का विवाद सुलझा नहीं था कि पीसीएस जे परीक्षा में भी गड़बड़ी होने की आशंका उठ खड़ी हुई है. मामला कोर्ट में है और अगर कुछ सवालों के साफ जवाब आयोग नहीं दे पाता है तो फिर से कॉपियां चेक करने का निर्देश पारित हो सकता है. इसी के साथ साल 2022 का पीसीएस जे का रिजल्ट भी फिर से रिलीज किया जा सकता है.
क्या कहना है हाईकोर्ट का
कल यानी सोमवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि मुख्य परीक्षा की कॉपी में हुई गड़बड़ी को दूर किया जाएगा और जरूरत हुई तो फिर से रिजल्ट घोषित किया जाएगा. इस तरह एक बार फिर रैंक लिस्ट बन सकती है और जो लोग पदों पर काबिज होकर काम शुरू कर चुके हैं, उसमें भी बदलाव होने की संभावना है.
नया हलफनामा हो दाखिल
आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी की तरफ से दाखिल हलफनामे में इस ओर संकेत मिले हैं. कोर्ट ने ये भी कहा है कि हलफनामे में दी गई जानकारी पूरी नहीं है इसलिए नए सिरे से नया हलफनामा दाखिल किया जाना चाहिए. बता दें कि ये याचिका श्रवण पांडे ने दायर की है जिस पर न्यायमूर्ती एच डी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.
कॉपियों में मिली गड़बड़ी
लॉयर विभु राय ने डिप्टी सेक्रेटरी की तरफ से कोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया. इसमें स्वीकार किया गया है कि करीब 50 आंसर-शीट्स में गड़बड़ी हुई है जो आपस में मिल गई हैं. आयोग इसे ठीक करने की कोशिश कर रहा है. इस गलती को दूर करने के बाद नए सिरे से रिजल्ट की घोषणा हो सकती है.
कोर्ट ने मांगी डिटेल में जानकारी
इस बाबत कोर्ट ने साफ किया है कि हलफनामे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है. पहले ये साफ किया जाए कि अगर परिणाम फिर से जारी होता है तो कितने कैंडिडेट्स सेलेक्शन लिस्ट से बाहर होंगे और कितने नए लोग इस लिस्ट में शामिल होंगे.
इसके साथ ही जो लोग नियुक्त हो चुके हैं और काम शुरू कर चुके हैं, उनको लेकर क्या फैसला किया जाएगा. ये सब जानकारियां उपलब्ध कराने का निर्देश कोर्ट की तरफ से दिया गया है. उसके बाद ही इस मुद्दे पर विचार होगा.
सभी 18042 कॉपियों की होगी जांच
बता दें कि पीसीएस जे परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप एक कैंडिडेट श्रवण पांडे ने लगाया था. कैंडिडेट ने आरटीआई के माध्यम से जब अपनी आंसरशीट पायी तो देखा कि उसके कुछ पन्ने फटे थे. इसके बाद आयोग ने सभी 18042 कॉपियों की जांच फिर से कराने का फैसला लिया. इतना ही नहीं कॉपी बदलने के मामले में पांच अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.