छत्तीसगढ़

हाथरस हादसा: बाबा के आश्रम में इन नलों की है खास मान्यता, पानी नहीं निकलता है प्रसाद; दूर-दूर से आते हैं लोग

कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुर नगर गांव में बना भोले बाबा का आश्रम काफी प्रसिद्ध है। बड़ी संख्या में देश के लोग यहां पहुंचते हैं। लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां आते हैं। उनका भरोसा रहता है बाबा का आर्शीवाद मिलने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। 

बाबा का आश्रम तीस बीघा जमीन में बना हुआ है। जिले में कोई दूसरा ऐसा पूर्ण निर्माण का आश्रम नहीं है। आश्रम पर अनुयायियों के रुकने के लिए पांच बीघा जमीन में विश्राम घर बना हुआ है। प्रतिदिन ही बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं और पर्वों के दिन में तो लोगों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। सत्संग हो या न हो कोई कार्यक्रम हो या न हो लेकिन भक्तों पर इसका कोई असर नहीं। वे आते हैं और माथ टेकते हैं। 

आश्रम और आश्रम के आस पास माहौल भक्ति का रहता है। वैसे तो तमाम गांव के लोग घर के बाहर चापराई पर ही अस्थायी रूप से खाने पीने के सामान की दुकान लगा लेते हैं, लेकिन मंगलवार को पानी व खाद्य पदार्थ की दुकानें गांव के लोग सजाते हैं। जिससे बाबा के आश्रम में आने वाले अनुयायियों के द्वारा की जाने वाली खरीद से ग्रामीणों की आमदनी हो जाती है।

भक्तों के बीच यह भी मान्यता है कि आश्रम में लगे नल के पानी से लोग स्नान भी करते हैं और नल का पानी प्रसाद के रूप में बोतलों में भरकर साथ ले जाते हैं। इतना ही नहीं कई भक्त तो इसे अमृत तक कहते हैं। भोले बाबा के आश्रम में लगे इन नलों के पानी की मान्यता काफी समय से है और इसको लेने दूर-दूर से भक्त यहां नियमित रूप से पहुंचते हैं।

इलाकाई निवासी संजय ने बताया कि आश्रम करीब ढाई दशक पुराना है और यहां भोले बाबा के भक्तों का आवागमन रहता है। वहीं पटियाली के अनुराग बताते हैं कि आश्रम के नल से लोग बोतल में पानी भरकर ले जाते हैं। भक्तों की भोले बाबा में विशेष आस्था रहती है।