छत्तीसगढ़

आरएसएस बोला- बढ़ रही मुस्लिम आबादी, अलका लांबा ने साधा निशाना, कहा- जो भी अल्पसंख्यक हैं हम उनके अधिकारों का हनन होने नहीं देंगे

नईदिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी मैग्जीन ऑर्गनाइजर वीकली ने जनसंख्या संबंधी असंतुलन का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि कुछ खास क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी बहुत बढ़ गई है, जिसको लेकर देश में जनसंख्या नियंत्रण नीति लाने की जरूरत है. RSS की इस बात का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता अलका लांबा ने RSS पर निशाना साधा है. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को धार्मिक कट्टर संस्था बता दिया है.

अलका लांबा ने कहा कि RSS का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. बीजेपी और RSS धर्म के चश्मे से सब कुछ देखना चाहते हैं, लेकिन इस चुनाव में बहुसंख्यक हिंदुओं ने सब नकार दिया. बीजेपी और RSS धर्म के नाम पर खाई पैदा करके सत्ता और कुर्सी की सोच रखते हैं. हम गुजरात में इनको हराएंगे. इनकी सरकार औंधे मुंह गिरेगी और इनके सहयोगी गिराएंगे. 

2024 के परिणामों ने बीजेपी और RSS को दिखाया आईना

अलका लांबा का कहना है कि भारत में आबादी तेजी से बढ़ी है. लोगों को रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार चाहिए. बीजेपी ने केवल विकास के नाम पर वोट लिया, लेकिन किया कुछ नहीं. उन्होंने कहा, जो भी अल्पसंख्यक हैं हम उनके अधिकारों का हनन होने नहीं देंगे.

लांबा ने कहा कि Comprehensive Population Policy के लिए सीधा सरकार से बात करें इनकी ही तो सरकार है, डबल इंजन की सरकार है. संसद में जब चर्चा होगी तो जो देश के लिए बेहतर होगा वो होगा. 2024 के परिणाम ने बीजेपी और RSS को आईना दिखाया है. इन्होंने बहुत हिंदू और मुस्लिम की राजनीति की, जिसका मुंहतोड़ जवाब जनता से मिला. भाजपा अयोध्या हारी, वाराणसी में जीतने के लाले पड़े. हिंदुओं ने ही 400 पार के दावे की हवा निकाली.

पीएम मोदी पर साधा निशाना

अलका लांबा ने कहा कि असली धर्म की बात राहुल गांधी ने संसद में की थी, जिस पर पीएम को मिर्ची लगी. जिसे बालक बुद्धि कह रहे हैं वो दो संसदीय क्षेत्र से लड़ते हैं और जीत हासिल करते हैं. 

मौत के मुंह में जा रहे लोग- अलका लांबा

वहीं उन्नाव हादसे को लेकर अलका लांबा ने कहा कि कहीं न कहीं रोड की मैपिंग में कमी रही, जिसके चलते हादसे हो रहे हैं. सरकार और प्रशासन को देखना होगा कि इसे कैसे रोका जा सकता है. हाइवे पर लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं. पीएम तो बोल रहे थे कि वो स्पेस से देख पाते हैं कि हादसे नहीं हो रहे हैं, लेकिन सब हो रहा है. हादसे में मारे गए लोगों को आर्थिक मुआवजा देने की जरूरत है.