नईदिल्ली : राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल इंट्रेंस परीक्षा- नीट यूजी 2024 लगातार चर्चा में है। परीक्षा के बाद पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी हो रही है। ताजा घटनाक्रम में परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था- राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर किया है। एनटीए ने पेपर लीक से जुड़ी टेलीग्राम की कथित वीडियो को फर्जी करार दिया है। एनटीए का दावा है कि पेपर लीक का बताकर जो वीडियो और फोटो प्रसारित किया जा रहा है, इनके साथ छेड़छाड़ की गई है।
अभ्यर्थियों को मिले नंबर पर एनटीए ने कही अहम बात
सुप्रीम कोर्ट में दायर NTA के हलफनामे में कहा गया कि एनटीए ने राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर और केंद्र स्तर पर NEET-UG 2024 में शामिल हुए अभ्यर्थियों के अंकों के वितरण का विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण से पता चलता है कि अंकों का वितरण काफी सामान्य है। एनटीए के मुताबिक ऐसा कोई बाहरी कारक उनके सामने नहीं आया है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि इससे अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंकों पर असर पड़ेगा।
परीक्षा में धांधली चिंताजनक, पेपर लीक होने की बात साफ
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आठ जुलाई को इस मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा, ‘एक बात तो साफ है कि प्रश्न-पत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है। लीक की प्रकृति कुछ ऐसी है, जिसका हम पता लगा रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते, क्योंकि दो छात्र धांधली में शामिल थे। इसलिए हमें लीक की प्रकृति के बारे में सावधान रहना चाहिए।
केंद्र सरकार और एनटीए से कोर्ट ने पूछा तीखा सवाल
शीर्ष अदालत ने साफ किया कि दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के बारे में जानना होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम 23 लाख छात्रों के मामले को सुन रहे हैं।’ अदालत ने एनटीए के साथ-साथ केंद्र सरकार से भी सवाल किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा? यह जानने के लिए क्या कार्रवाई की गई।
सीबीआई के पास छह एफआईआर
बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। बिहार से प्राथमिकी पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से शेष प्राथमिकी फर्जी उम्मीदवार और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
NTA के साथ-साथ नीट के इतिहास में अभूतपूर्व घटना
गौरतलब है कि पांच मई को हुई परीक्षा में कुल 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए। यह एनटीए के साथ-साथ नीट के इतिहास में भी अभूतपूर्व था। इसमें सूची में हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल हैं। इसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह शुरू हुआ। आरोप लगाया गया कि कृपांक के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक मिली। इसके बाद एनटीए ने एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किया। इसके बाद नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई।