छत्तीसगढ़

सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट जज, जमानत पर नए सिरे से विचार की है अपील

नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने गुरुवार को खुद को आप नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनकी जमानत पर फिर से सुनवाई करने की मांग की है। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संजय कुमार की पीठ याचिका पर सुनवाई करने वाली थी, लेकिन अब जस्टिस संजय कुमार के सुनवाई से हटने के बाद नई पीठ सुनवाई करेगी। मनीष सिसोदिया ने आबकारी घोटाला मामले में उनकी जमानत याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने की अपील की है।

निजी कारणों से सुनवाई से अलग हुए जस्टिस संजय कुमार
पीठ ने कहा कि आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दायर मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर नए सिरे से विचार के लिए उनकी दो अलग-अलग याचिकाओं पर एक ऐसी पीठ सुनवाई करेगी जिसके सदस्य न्यायमूर्ति कुमार नहीं हों। जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘हमारे भाई को कुछ परेशानी है। वह व्यक्तिगत कारणों से इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते।’ इस पर सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है। 

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी सिसोदिया की जमानत याचिका
शीर्ष अदालत ने कथित शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से चार जून को इनकार कर दिया था। सिसोदिया ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। हालांकि अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों में हाईकोर्ट से भी मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद आप नेता सिसोदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।सीबीआई ने सिसोदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था।