नई दिल्ली। नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले में गुरुवार (18 जुलाई, 2024) को सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकार परीक्षा से कितना रेवेन्यू कमाती है. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या प्रिंटिंग प्रेस से एसबीआई और केनरा बैंक तक प्रश्नपत्र लाने के लिए प्राइवेट कुरियर कंपनी बुक की गई थी.
सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी.पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही थी. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में पेश हुए. बेंच ने प्रश्नपत्रों को प्रिंटिंग प्रेस से विभिन्न शहरों में स्थित एसबीआई और केनरा बैंक के लॉकर तक पहुंचाने के लिए निजी कूरियर को किराये पर लेने के लिए एनटीए से सवाल किया.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने तुषार मेहता से पूछा, ‘आप (सरकार) परीक्षा से राजस्व के रूप में कितना कमाती है?’ मेहता ने कहा कि ऐसी परीक्षाओं से करीब 400 करोड़ रुपये की आय होती है, जबकि करीब 300 करोड़ रुपये खर्च होता है. सीजेआई ने आगे पूछा, ‘श्रीमान सॉलिसिटर, आपने (प्रश्नपत्रों के परिवहन के लिए) एक निजी कूरियर कंपनी को नियुक्त किया है?’
सीजेआई चंद्रचूड़ के सवाल पर एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट में दाखिल सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि एजेंसी ने प्रिंटिंग प्रेस से लेकर परीक्षा केंद्र तक पूरी श्रृंखला की जांच की है और किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए सात-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली थी.
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक ही सीमित थी और गुजरात के गोधरा में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है. पटना और हजारीबाग में प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए, जबकि गोधरा में दावा किया गया कि परीक्षा आयोजित कराने वाले एक व्यक्ति ने कुछ अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट भरने के लिए पैसे लिए.
सोशल मीडिया प्लटफॉर्म टेलीग्राम पर प्रश्नपत्र लीक होने के दावों पर सवाल उठाते हुए पीठ ने कहा, ‘आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि ऐसा करने का मकसद राष्ट्रीय स्तर पर दिखावा करना नहीं था. लोगों ने यह पैसे के लिए किया इसलिए, यह परीक्षा को बदनाम करने के लिए नहीं था और कोई व्यक्ति पैसे कमाने के लिए ऐसा कर रहा था जो स्पष्ट है. बड़े पैमाने पर लीक के लिए उस स्तर पर संपर्कों की भी आवश्यकता होती है ताकि आप विभिन्न शहरों में ऐसे सभी प्रमुख संपर्कों से जुड़ सकें.’
एनटीए के वकील ने दावा किया कि टेलीग्राम वीडियो से छेड़छाड़ की गई है. बेंच ने 100 टॉपरों के बारे में एनटीए के आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि वे आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे विभिन्न राज्यों से हैं. सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘हमारे लिए चिंता की बात यह है कि प्रश्नपत्र लीक होने और परीक्षा के बीच कितना समय अंतराल था.’ मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय करते हुए बेंच ने कहा कि वह बिहार पुलिस की रिपोर्ट की कॉपी चाहेगी, जिसने मामले की शुरुआत में जांच की थी.