नईदिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मंडी से सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर ने गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है। जिसमें कहा गया है कि कगंना रनौत लगातार अदालत में पेश होने की तारीख पर नहीं आ रही हैं। जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर ने लिखा है कि क्या सांसद बनने के बाद कंगना रनौत की गिरफ्तारी भी होगी।
जावेद अख्तर और कंगना रनौत के बीच साल 2016 ने मानहानि का मामला चल रहा है। इसी केस में कंगना रनौत को 20 जुलाई 2024 को अदालत में पेश होना था, लेकिन वह नहीं आईं। इसके बाद जावेद अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने एक याचिका दायर की, जिसमें बताया गया कि कंगना रनौत ने अदालत से पेश होने से स्थायी छूट मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया गया और सत्र न्यायालय के साथ-साथ बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा है।
क्या कहा जावेद अख्तर के वकील ने?
जावेद अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने कहा, “आरोपी (कंगना रनौत) का आवेदन खारिज होने के बावजूद, वह कई अलग-अलग तारीखों पर इस अदालत के समक्ष पेश नहीं हुईं और उन्होंने छूट याचिकाएं दायर कीं और 1 मार्च 2021 को उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया गया।”
इससे पहले जब जमानती वारंट जारी किया गया था, तो कंगना रनौत अदालत के सामने पेश हुई थीं और जमानती वारंट को रद्द करवाया था। शनिवार (20 जुवाई) को सुनवाई के दौरान जावेद अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने कहा कि “आरोपी ने बार-बार अनजाने में अदालती कार्यवाही में देरी करने की कोशिश की है और आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए NBW जारी करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था।”
हालांकि अदालत ने गैर-जमानती वारंट आवेदन को स्थगित रखा और कंगना रनौत को पेश होने का निर्देश दिया। इस बीच कंगना रनौत के वकीलों ने कोर्ट में कहा है कि वह सुनवाई के अगले दिन यानी 9 सितंबर 2024 को पेश होंगी।
जानिए जावेद अख्तर बनाम कंगना रनौत का क्या है पूरा मामला?
जावेद अख्तर बनाम कंगना रनौत का ये पूरा मामला मार्च 2016 में अख्तर के मुंबई स्थित आवास पर हुई एक बैठक से जुड़ा है। कंगना रनौत और अभिनेता ऋतिक रोशन कुछ ईमेल के आदान-प्रदान को लेकर सुर्खियों में थे, जिसके कारण दोनों के बीच जुबानी जंग छिड़ी थी।
ऐसा कहा जाता है कि जावेद अख्तर, जो ऋतिक रोशन के करीबी हैं, ने कंगना रनौत के साथ बैठक करने के लिए खुद को नियुक्त किया और उनसे ऋतिक रोशन से माफी मांगने को कहा था। बाद में 2021 में, एक टेलीविजन इंटरव्यू के दौरान कंगना रनौत ने बताया कि जावेद अख्तर को लगा कि 2016 की बैठक मानहानिकारक थी और उन्होंने उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
उसके बाद कंगना रनौत ने भी उसी अदालत में जावेद अख्तर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। हालांकि जावेद अख्तर के खिलाफ कार्यवाही पर डिंडोशी सत्र न्यायालय ने रोक लगा दी थी। फरवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत द्वारा प्रस्तुत एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें जावेद अख्तर द्वारा उनके खिलाफ मानहानि का आरोप लगाते हुए शुरू किए गए मुकदमे को रोकने की मांग की गई थी।
कंगना रनौत ने इस मामले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए तर्क दिया था कि जावेद अख्तर की शिकायत और अख्तर के खिलाफ उनकी शिकायत क्रॉस-शिकायतें हैं और इन पर संयुक्त रूप से सुनवाई होनी चाहिए। अख्तर ने 2020 में कंगना रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने एक टेलीविजन चैनल पर प्रसारित साक्षात्कार में की गई कुछ टिप्पणियों को मुद्दा बनाया था। कंगना रनौत की टिप्पणी उनके और अख्तर के बीच 2016 में के उस बैठक से संबंधित है।