नईदिल्ली : आईपीएल के 18वें सीजन से पहले इस साल मेगा नीलामी का आयोजन होगा। इस दौरान फ्रेंचाइजी खिलाड़ियों को रिटेन और रिलीज करना होगा। इससे पहले फ्रेंचाइजियों ने तीन बदलावों की मांग की है। इसमें मेगा नीलामी की अवधि, खिलाड़ियों के रिटेंशन की संख्या और राइट टू मैच के मुद्दे शामिल हैं।
टीमों ने की तीन नियमों में बदलाव की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि, फ्रेंचाइजियों ने हाल ही में आईपीएल के अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस दौरान टीमों ने आईपीएल के तीन नियमों में बदलाव की मांग की। मेगा नीलामी से पहले हुई इस बैठक में फ्रेंचाइजियों ने मेगा ऑक्शन की अवधि को पांच साल बढ़ाने की मांग की। इसके अलावा टीमों को चार से छह खिलाड़ियों को रिटेन करने की इजाजत दी जाए और हर टीम को कम से कम आठ राइट टू मैच (आरटीएम) का ऑप्शन दिया जाए। हालांकि, अब तक इनको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
मेगा नीलामी की अवधि से क्या लाभ होगा?
मेगा नीलामी को हर पांच साल में कराने की मांग के पीछे का कारण यह है कि इससे युवा खिलाड़ियों को तैयार होने का मौका मिलेगा। इससे अनकैप्ड खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा और वह अपने खेल को सुधारने में कामयाब होंगे। बता दें, फिलहाल आईपीएल की मेगा नीलामी हर तीन साल में होती है।
आरटीएम में क्यों बदलाव चाहती हैं फ्रेंचाइजी?
इस मीटिंग में फ्रेंचाइजियों ने आईपीएल अधिकारियों से राइट टू मैच (आरटीएम) ऑप्शन में बदलाव की मांग की। टीमें चाहती हैं कि मेगा नीलामी से पहले इसे आठ कर दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो टीमों को अपने पुराने खिलाड़ियों को सबसे बड़ी बोली से मैच कराकर टीम में दोबारा शामिल करने में सहजता होगी।