नईदिल्ली : लक्ष्य सेन, पेरिस ओलंपिक्स की पुरुष सिंगल्स स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं. उन्होंने चीनी ताइपे के चोउ टिएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराकर ऐतिहासिक कारनामा किया है. उनसे पहले ओलंपिक्स के इतिहास में कोई भारतीय खिलाड़ी पुरुष सिंगल्स के सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाया था. बताते चलें कि ओलंपिक्स 2024 में अब लक्ष्य ही बैडमिंटन में भारत की आखिरी पदक की उम्मीद बचे हैं और वे पदक पक्का करने से महज एक कदम दूर हैं.
चीनी ताइपे के चोउ टिएन चेन फिलहाल पुरुष सिंगल्स कैटेगरी में दुनिया के नंबर-12 बैडमिंटन प्लेयर हैं. लक्ष्य पहला गेम 19-21 के बेहद करीबी अंतर से हार गए थे, लेकिन उन्होंने दूसरे गेम में जोरदार वापसी की और 21-15 के अंतर से एक-एक की बराबरी की. उसके बाद सबकी नजरें तीसरे गेम पर जा टिकी थीं, जहां गेम के पहले हाफ तक दोनों लगभग बराबरी पर चल रहे थे. लेकिन आखिरी गेम का दूसरा हाफ पूरी तरह लक्ष्य के नाम रहा, जिसमें उन्होंने 21-12 से आसान जीत दर्ज करके इतिहास रचा है.
अब तक एचएस प्रणय, किदाम्बी श्रीकांत और परुपल्ली कश्यप वे तीन खिलाड़ी थे, जिन्होंने ओलंपिक्स में भारत के लिए पुरुष सिंगल्स के क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन लक्ष्य के अलावा कोई भी क्वार्टरफाइनल की रेखा को पार नहीं कर सका था. अब लक्ष्य का सामना विक्टर एक्सेलसन और कीन यो लोह के मैच के विजेता से होगा. खासतौर पर लक्ष्य का रिकॉर्ड विक्टर के खिलाफ बहुत खराब है. भारतीय बैडमिंटन स्टार को विक्टर के खिलाफ आज तक 8 मुकाबलों में सिर्फ एक जीत मिली है.
बता दें कि पिछले 3 ओलंपिक से लगातार भारत बैडमिंटन में पदक जीतता रहा है और अब लक्ष्य सेन इस परंपरा को जारी रखने के बेहद करीब पहुंच गए हैं. 2012 लंदन ओलंपिक्स में साइना नहवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. 2016 रियो ओलंपिक्स में पीवी सिंधु ने सिल्वर और सिंधु ने ही 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया था. बैडमिंटन में भारत की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब लक्ष्य सेन के हाथों में है.