नागपुर : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एक बार फिर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की। इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए मुझ पर झूठे आरोप लगवाए। वहीं भाजपा ने आरोपों को नकारा। साथ ही इसे फडणवीस को बदनाम करने की रणनीति करार दिया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने अप्रैल, 2021 में गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उनपर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से प्रतिमाह 100 करोड़ की वसूली करने को कहते हैं। इसे लेकर रविवार को देशमुख ने कहा था कि फडणवीस के कहने पर बर्खास्त पुलिस अफसर सचिन वाजे ने उन पर आरोप लगाए थे।
नागपुर में सोमवार को देशमुख ने कहा कि जब मैं महाराष्ट्र में गृहमंत्री था तो जांच के बाद पता चला कि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह उद्योगपति मुकेश अंबानी के एंटीलिया आवास के पास मिली स्कॉर्पियो गाड़ी में जिलेटिन की छड़ें लगाने और स्कॉर्पियो गाड़ी के मालिक की हत्या के मामले के मुख्य साजिशकर्ता थे। सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इसे अंजाम दिया था। इस आरोप में पूर्व पुलिस कमिश्नर सिंह को तीन साल के लिए गिरफ्तार किया जाना था, लेकिन सिंह फडणवीस और केंद्र सरकार के पास चले गए।
देशमुख ने कहा कि फडणवीस ने उनको गिरफ्तारी न होने का आश्वासन दिया और शर्त रखी कि वह एमवीए सरकार को गिराने के लिए मुझ पर आरोप लगाएंगे। इसलिए परमबीर सिंह ने मुझ पर आरोप लगाए।
पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने फडणवीस को न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए कहा, जिसमें उन्हें क्लीन चिट दी गई है। फडणवीस ने रविवार को कहा था कि जब चांदीवाल आयोग की रिपोर्ट आई थी तब महाविकास अघाड़ी की सरकार थी। इसके जवाब में देशमुख बोले कि यह सही है कि जब रिपोर्ट आई थी तो महाविकास अघाड़ी की सरकार थी। लेकिन कुछ ही दिनों में यह गिर गई। इसलिए एमवीए सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर सकी। अब दो साल से महायुति सरकार रिपोर्ट को दबाए है। नागपुर में देशमुख के विरोध में लगाए बैनरों को लेकर वह बोले कि बैनर भी देवेंद्र फडणवीस के कहने पर लगाए गए। जिनको पुलिस ने हटा दिया है।
वहीं भाजपा के राज्य प्रवक्ता चंदन गोस्वामी ने विपक्ष के आरोपों को झूठ बोलने की रणनीति बताया है। गोस्वामी ने सवाल किया कि विपक्ष का नेता कैसे पुलिस आयुक्त को कह सकता है कि वह गृहमंत्री पर आरोप लगाए। क्योंकि आयुक्त को तो एमवीएम सरकार ने ही नियुक्त किया था। यह फडणवीस को बदनाम करने की रणनीति है।