छत्तीसगढ़

चोट ने निशा से छीनी जीत: क्वार्टर फाइनल में आखिरी 33 सेकंड में हारीं, तब वह 8-2 से आगे थीं; फूट-फूट कर रोईं

नईदिल्ली : भारत की स्टार पहलवान निशा दहिया को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। वह महिलाओं की 68 किलोग्राम भारवर्ग में उत्तर कोरिया की पाक सोल गुम के सामने थीं। हालांकि, निशा के लिए यह मुकाबला बेहद दर्दनाक साबित हुआ। उन्होंने तीन मिनट तक 8-1 की बढ़त बना ली थी। फिर उत्तर कोरियाई पहलवान ने निशा को मैट से बाहर कर एक अंक अर्जित किया और स्कोर 8-2 हो गया। जब मुकाबले को खत्म होने में 33 सेकंड बचे थे, तभी निशा चोटिल हुईं। मैच को रोका गया और उनके हाथ पर बैंड पहनाया गया। हालांकि, बैंड बांधना निशा के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ।

चोटिल होने की वजह से हारीं निशा
उत्तर कोरिया की पहलवान ने इस मौके का फायदा उठाया और 11 सेकंड में चार अंक हासिल किए और स्कोर 8-8 से बराबर हो गया। जब मैच खत्म होने में 12 सेकंड बचे थे। तभी निशा को ज्यादा दर्द होने लगा और मैच फिर रोका गया। फीजियो ने निशा का इलाज किया, लेकिन निशा को देखकर लग रहा था कि उनके दाएं हाथ में काफी तेज दर्द था। वो उस वक्त रोने लगीं। हालांकि, कोच ने निशा से कहा कि अभी भी आप जीत सकती हैं। अगर स्कोर 8-8 की बराबरी पर रुका होता तो निशा सेमीफाइनल में पहुंच जातीं। हालांकि, आखिरी 12 सेकंड में उत्तर कोरियाई पहलवान ने दो अंक हासिल किए और मैच 10-8 से अपने नाम किया।

फूट-फूटकर रोईं निशा
मैच को इस तरह गंवाने के बाद निशा मैट पर ही लेटी रह गईं और फूट फूटकर रोने लगीं। उनकी आंखों में आंसू इस वजह से भी थे, क्योंकि वह जीत के काफी नजदीक थीं। 10 अंक हासिल कर लिए होते तो वह टेक्निकल सुपिरियोरिटी पर मैच जीत जातीं। हालांकि, ऐसा नहीं हो सका और आठ अंक के बाद उन्हें इंजरी आ गई। वह मैट से उतरते वक्त भी फूट फूटकर रो रही थीं। वह वहीं मैट पर बैठ गईं और भावुक दिखीं। हालांकि, निशा के लिए सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। अगर यह उत्तर कोरियाई पहलवान फाइनल में जगह बनाने में कामयाब रहती है तो निशा रेपेचेज खेलकर कांस्य पदक जीत सकती हैं। 

चोट के बावजूद मुकाबला नहीं छोड़ा और आखिर तक लड़ती रही
निशा चोटिल होकर क्वार्टर फाइनल में जरूर हार गई हैं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इस जज्बे को दिखाकर निशा ने देश के लोगों का दिल जीत लिया है। उन्होंने हार नहीं मानी और लड़ती रहीं। दो अंक से वह पिछड़ गईं, लेकिन जज्बे में वह दुनियाभर के किसी एथलीट से आगे रहीं। हाल ही में महिला मुक्केबाजी में एक घटना सामने आई थी, जिसमें इटली की कारिनी लैंगिक योग्यता का विवाद झेल रही मुक्केबाज इमाने खेलीफ से एक पंच खाकर मैच 46 सेकंड में ही छोड़ दिया था। हालांकि, निशा ने हाथ में गंभीर चोट के बावजूद अपनी विपक्षी खिलाड़ी का सामना किया। जिस तरह से निशा खेल रही थीं, ऐसा लग रहा था कि वह भारत को एक पदक दिला देंगी। हालांकि, चोट ने उनसे यह मौका छीन लिया।

चोट कितनी गंभीर, इसकी पुष्टि नहीं
निशा की चोट कितनी गंभीर है, इसका पता नहीं चल सका है। हालांकि, रेपेचेज में अगर वह उतरती हैं तो उसमें अभी दो दिन का समय है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि निशा खेल पाती हैं या नहीं। अगर उनकी चोट गंभीर नहीं होगी तो वह रेपेचेज में जीतकर भारत को एक और पदक दिलाने की कोशिश करेंगी। जिस तरह से निशा ने हाथ को पकड़ा था, मानो उनका कंधा डिस्लोकेट हो गया हो। उस मैच की कमेंट्री कर रहीं साक्षी मलिक ने कहा था कि ओलंपिक शुरू होने से पहले ही निशा ने उन्हें बताया था कि उनके हाथ में कुछ दर्द है। इससे पहले प्री क्वार्टर फाइनल के मैच में निशा ने यूक्रेन की तेतिना रिजको सोवा को 6-4 से हराया था। इस मैच में निशा 4-1 से पिछड़ रही थीं। हालांकि, आखिरी कुछ मिनटों में निशा ने वापसी की और 6-4 से मैच अपने नाम किया था और क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।