छत्तीसगढ़

जर्मनी ने आखिरी छह मिनट में गोल कर भारत का सपना तोड़ा, स्वर्ण जीतने का इंतजार बढ़ा

नईदिल्ली : भारत और जर्मनी की पुरुष हॉकी टीम के बीच सेमीफाइनल मुकाबला तीसरे क्वार्टर तक बराबरी का मुकाबला चल रहा था, लेकिन जर्मनी ने मैच खत्म होने के छह मिनट पहले बढ़त हासिल की और मैच जीतकर पेरिस ओलंपिक के फाइनल में प्रवेश कर लिया। भारत ने पहले क्वार्टर में गोल कर बढ़त हासिल कर ली थी, लेकिन दूसरे क्वार्टर में टीम पिछड़ गई। हालांकि, तीसरे क्वार्टर में सुखजीत सिंह ने भारत को बराबरी दिलाई, लेकिन जर्मनी ने अंतिम समय में गोल किया और 3-2 से यह मुकाबला जीतकर स्वर्ण पदक मुकाबले में जगह बनाई। जर्मनी का सामना अब फाइनल में नीदरलैंड से होगा, जबकि भारतीय टीम कांस्य पदक के लिए स्पेन से भिड़ेगी।

भारत का 44 साल का इंतजार बढ़ा
विश्व चैंपियन जर्मनी ने भारतीय हॉकी टीम का 44 साल बाद ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना मंगलवार को तोड़ दिया। अपने अनुभवी डिफेंडर अमित रोहिदास के बिना उतरी भारतीय टीम ने इस महत्वपूर्ण मैच में दबाव में कई गलतियां की जिसका जर्मनी ने पूरा फायदा उठाया। भारत ने आखिरी बार 1980 में मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन टीम इसके बाद से अब तक ओलंपिक चैंपियन बनने के लिए जूझ रही है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को ही हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था, लेकिन टीम इस बार अपने पदक का रंग नहीं बदल सकी और उसका ओलंपिक स्वर्ण जीतने का 44 साल का इंतजार बढ़ गया। 

हरमनप्रीत ने दिलाई बढ़त
भारत ने पहले क्वार्टर में सात पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए जिसमें से एक को गोल में बदला। भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को भुनाने में कोई गलती नहीं की और भारत को बढ़त दिलाई। हरमनप्रीत का यह पेरिस ओलंपिक का आठवां गोल था। हालांकि, जर्मनी ने दूसरे क्वार्टर में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर किया। जर्मनी को पेनल्टी स्ट्रोक मिला और उसने बिना कोई गलती किए बढ़त हासिल कर ली। जर्मनी के लिए दूसरे क्वार्टर में क्रिस्टोफर रुएहर ने 27वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर शानदार गोल दागा और टीम को 2-1 की बढ़त दिलाई। 

दूसरे क्वार्टर में आगे निकला जर्मनी
भारत ने पहले क्वार्टर में 1-0 की बढ़त बनाई थी, लेकिन दूसरे क्वार्टर में जर्मनी ने पहले पेनल्टी कॉर्नर और फिर पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल कर 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी। इस तरह हॉफ टाइम तक जर्मनी भारत से आगे चल रहा था। भारत के लिए तीसरे क्वार्टर में बराबरी का गोल दागा। भारत के लिए सुखजीत सिंह ने 36वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दाग स्कोर 2-2 से बराबर किया। 

मार्को ने पलटा पासा
चौथे क्वार्टर की शुरुआत में दोनों टीमें बराबरी पर चल रही थीं और लग रहा था कि यह मुकाबला भी शूटआउट में जाएगा, लेकिन जर्मनी के लिए मार्को मिल्टकाउ ने 54वें मिनट में गोल दागा और जर्मनी को भारत पर 3-2 की महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई। बढ़त लेने के बावजूद जर्मनी ने आक्रामक खेल खेलना जारी रखा, जबकि भारतीय खिलाड़ी गेंद अपने पाले में लाने के लिए जूझते दिखे। अंतिम सिटी बजने तक भारतीय टीम बराबरी का गोल नहीं दाग सकी और उसका सपना एक बार फिर टूट गया। भारत को टोक्यो ओलंपिक में भी सेमीफाइनल में हार मिली थी। भारत को इस मैच में रोहिदास की कमी खली जो एक मैच का निलंबन झेलने के कारण यह महत्वपूर्ण मुकाबला नहीं खेल सके।