बिलासपुर। सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर व्यास नारायण भारद्वाज से दो वर्ष बाद वसूली आदेश का हवाला देते हुए उनकी मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण एवं अन्य राशि रोक दी. सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान रोके जाने पर रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे. हाई कोर्ट ने बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक के साथ जांजगीर-चांपा पुलिस अधीक्षक से दोबारा जवाब मांगा है.
सेवानिवृत्ति देयक रोके जाने से क्षुब्त सेवानिवृत्त पुलिस इंस्पेक्टर व्यास नारायण ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की. अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष अन्य वाद में दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के रिटायरमेन्ट के दिन उनके समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान तत्काल कर दिया जाए, लेकिन उनके विरूद्ध वसूली आदेश का हवाला देते हुए एक तरफ जहां उन्हें वसूली आदेश की कापी नही दी जा रही है, वहीं सेवानिवृत्ति देयक से वसूली के लिए दबावपूर्वक सहमति मांगी जा रही है.
हाई कोर्ट ने मामले में 12 जुलाई 2024 को बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक एवं जांजगीर-चांपा पुलिस अधीक्षक से जवाब मांगा था. लेकिन किसी प्रकार का जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने पर 5 अगस्त को हाईकोर्ट ने पुनः पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर एवं पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा को तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए 26 अगस्त तारीख नियत की है.