नई दिल्ली। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। महाराष्ट्र में भी चुनाव कराए जाने का अनुमान था, हालांकि आयोग ने फिलहाल इस राज्य में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा नहीं की है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराने से जुड़े एक सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ‘पिछली बार महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे। उस समय जम्मू-कश्मीर कोई फैक्टर नहीं था। हालांकि, इस साल 4 चुनाव हैं और इसके तुरंत बाद 5वां चुनाव भी कराया जाना है। जिन प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उसमें जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली शामिल हैं।
महाराष्ट्र में क्यों नहीं हो रहे चुनाव?
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ किया कि सुरक्षा बलों की जरूरत के आधार पर निर्वाचन आयोग ने फिलहाल दो राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का फैसला किया है। उन्होंने चुनाव न कराने के दूसरे फैक्टर के रूप में महाराष्ट्र में भारी बारिश और आने वाले हफ्तों में कई त्योहारों का भी जिक्र किया।
CEC ने जम्मू-कश्मीर की जनता पर जताया भरोसा
इससे पहले चुनाव आयुक्त ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि बीते कुछ वर्षों में जम्मू कश्मीर के हालात में उल्लेखनीय बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग को प्रदेश की जनता पर पूरा यकीन है। इस बात कड़ी सुरक्षा के बीच तीन चरणों में मतदान कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आयोग ने अमरनाथ यात्रा के साथ-साथ सेब के किसानों और कारोबारियों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा है। CEC ने कहा कि लोकतंत्र के प्रति समर्पित जनता तमाम चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करेगी।