छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: हिड़मा के गांव में नक्सलियों ने छात्र को मार डाला, स्कूल से लौटने के दौरान 16 साल के लड़के को किया था अगवा

सुकमा। जिले में गुरुवार को नक्सलियों ने हिड़मा के गांव में स्कूली छात्र की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि वह स्कूल से लौट रहा था। बीच रास्ते से नक्सलियों ने उसे उठाया और पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाकर उसे मार डाला। स्कूल यूनिफॉर्म पहने उसकी लाश मिली है। मामला जगरगुंडा थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, 16 साल के छात्र का नाम सोयम शंकर है, ये पूवर्ती गांव का ही रहने वाला था। वह 14 अगस्त को स्कूल गया था। बताया जा रहा है कि रात में जब वह घर नहीं आया तो परिजन उसे ढूंढने के लिए निकले। इसके बाद 15 अगस्त को जंगल में स्कूल यूनिफॉर्म में उसकी लाश मिली। इसके बाद इसकी जानकारी फौरन पुलिस को दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

बड़े भाई की भी हुई थी हत्या

बताया जा रहा है कि करीब एक महीने पहले नक्सलियों ने सोयम शंकर के बड़े भाई की हत्या की थी। उस पर भी पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया था। गांव के जंगल में नक्सलियों ने उसे दौड़ा-दौड़ा कर मारा था। एक महीने के अंदर ही अब सोयम को मार दिया गया है।

एक महीने के अंदर उठी 3 अर्थियां

बड़े भाई की हत्या के बाद सोयम शंकर की बहन की भी मौत हुई थी। हालांकि, ये कोई नक्सली घटना नहीं थी। करीब 15 दिन पहले उसकी बहन की जान किसी बीमारी से गई थी। इस तरह एक महीने के अंदर एक ही परिवार से तीन अर्थियां उठी हैं।

हिड़मा की पुरानी तस्वीर - Dainik Bhaskar

हिड़मा की पुरानी तस्वीर

जहां हत्या हुईवह हिड़मा का इलाका

सुकमा जिले के जिस पूवर्ती गांव में छात्र की हत्या हुई है, यह नक्सली कमांडर हिड़मा के वर्चस्व वाला इलाका है। यहां पर सुरक्षाबलों ने कैंप स्थापित कर दिया है, जिसके बाद से थोड़ी बहुत शांति है, लेकिन फिर भी नक्सलियों की सुगबुगाहट रहती है।

जानिए कौन है खूंखार नक्सली हिड़मा

बस्तर के पूवर्ती गांव में रहने वाला माड़वी हिड़मा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई करता था। उस वक्त इलाके में सक्रिय एक नक्सली ने हिड़मा की एक्टिविटी देख कर उसे नक्सलियों के बाल संघम में भर्ती किया था। हिड़मा की आगे की पढ़ाई नक्सली स्कूल में ही हुई थी।

हिड़मा के फुर्तीले शरीर को देखते हुए नक्सलियों ने इसे अपने LOS ग्रुप में शामिल किया था। हिड़मा की बनाई योजना में माओवादियों को कई सफलताएं भी मिली। यह नारायणपुर, बीजापुर , गढ़चिरौली में कई सालों तक सक्रिय था। फिर बड़े लीडरों ने कोंटा एरिया कमेटी के जॉइंट प्लाटून का कमांडर बनाया था।

हिड़मा बटालियन नंबर-1 ( नक्सलियों की मजबूत बटालियन मानी जाती है) को लीड कर रहा था। अब हिड़मा को माओवादियों की सबसे बड़ी कमेटी COC यानि सेंट्रल ऑर्गनाइजिंग कमेटी में जोड़ा गया है। ये वह कमेटी होती है, जिसमें देशभर के माओवादी विचारधारा के मजबूत व्यक्तियों को लिया जाता है।