छत्तीसगढ़

स्पेस से सुनीता विलियम्स को लेकर आई बुरी खबर, इस गंभीर बीमारी की हुईं शिकार

नईदिल्ली : अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की कब तक पृथ्वी पर वापसी होगी इसको लेकर अभी तक कोई तय तारीख सामने नहीं आई है. तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन बीच नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) नई समस्या से जूझ रहा है और वह सुनीता विलियम्स के स्वास्थ्य को लेकर है.

कथित तौर पर विलियम्स को स्पेस स्टेशन में आंख की रोशनी से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह माइक्रोग्रैविटी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से है. स्पेसफ्लाइट एसोसिएटेड न्यूरो-ऑकुलर सिंड्रोम (SANS) के रूप में जानी जाने वाली ये समस्या शरीर में फ्लूइड डिस्ट्रीब्यूशन को प्रभावित करती है, जिससे आंखों की रोशनी में दिक्कत आती है. इससे धुंधलापन और आंखों की संरचना में बदलाव होता है. विलियम्स की कॉर्निया, रेटिना और लेंस के हाल ही में स्कैन किए गए हैं ताकि उनकी स्थिति की गंभीरता का आकलन किया जा सके.

नासा खोज रही है विकल्प

सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर मौजूदा समय में ISS पर तैनात हैं. प्लानिंग के तहत उनकी स्पेस से वापसी बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट होनी थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण ये वापसी अटक गई. बताया जा रहा है कि एजेंसी एक विकल्प पर विचार कर रही है. वह अंतरिक्ष यात्रियों को घर वापस लाने के लिए स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन का इस्तेमाल कर सकती है.

जानकारी के अनुसार, सितंबर 2024 के लिए निर्धारित क्रू ड्रैगन मिशन संभावित रूप से विलियम्स और विल्मोर के स्पेस से वापसी का रास्ता साफ कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो दोनों यात्रियों के स्पेस में रहने का समय और बढ़ जाएगा. शुरुआती दिनों में आठ दिन का समय बढ़ाया गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे ये बढ़कर आठ महीने हो जाएगा. क्रू ड्रैगन फरवरी 2025 में पृथ्वी पर वापस लौटेगा और यदि यह योजना ठीक से काम करती है तो बोइंग का स्टारलाइनर बिना क्रू के वापस आएगा, जिसे पूरी तरह से कंप्यूटर के जरिए कंट्रोल किया जाएगा.

कंपनी की प्रतिष्ठा को पहुंचेगा बड़ा नुकसान

स्पेसएक्स के स्पेसक्राफ्ट पर स्विच करना बोइंग के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा क्योंकि बोइंग को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. उसके प्रोजेक्ट में देरी हुई है और ये बेहद महंगा भी पड़ने वाला है. एयरोस्पेस की दिग्गज कंपनी कई तकनीकी समस्याओं से जूझ रही है. अगर नासा स्पेसएक्स को चुनता है तो कंपनी की प्रतिष्ठा को और नुकसान पहुंचने का खतरा है. नासा के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक स्पेससूट है.

बोइंग के स्टारलाइनर के लिए डिजाइन किए गए सूट स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन के लिए उपयुक्त नहीं हैं. इसका मतलब है कि अगर अंतरिक्ष यात्री ड्रैगन पर वापस लौटते हैं, तो उन्हें अपने सूट के बिना ऐसा करना पड़ सकता है, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ सकती हैं. नासा इन मसलों का हल निकालने के लिए काम कर रहा है और उसने क्रू-9 ड्रैगन मिशन के साथ अतिरिक्त स्पेसएक्स फ्लाइट सूट भेजने पर भी विचार किया है.