नईदिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद, डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए मंगलवार को 10 सदस्यीय टास्क फोर्स गठित किया है.
यह टास्क फोर्स तीन सप्ताह के भीतर अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी. कोर्ट ने कहा कि कामकाजी परिस्थितियों ने चिकित्सकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा का खतरा बढ़ा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लिया संज्ञान?
सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलासा किया कि हाई कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने क्यों स्वत: संज्ञान लिया और कोलकाता रेप मामले को अपने हाथ में ले लिया. सीजेआई ने कहा, “यह सिर्फ एक घटना के बारे में नहीं है. हम पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा के बारे में गहराई से चिंतित हैं. अगर महिलाएं काम पर नहीं जा सकतीं और सुरक्षित नहीं रह सकती हैं, तो हम उन्हें समानता के मूल अधिकार से वंचित कर रहे हैं. हमें यहीं कुछ करना होगा.
देश और रेप की घटना का इंतजार नहीं कर सकता- CJI
भारत के सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि महिला चिकित्सकों की रक्षा करना राष्ट्रीय हित का मामला है और समानता का सिद्धांत इससे कम की अपेक्षा नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीनी स्तर पर चीजें बदलने के लिए देश एक और दुष्कर्म की घटना का इंतजार नहीं कर सकता.
उसने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए कानून हैं लेकिन उनमें व्यवस्थागत मुद्दों का समाधान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कार्य बल के 10 सदस्यों में सर्जन वाइस एडमिरल आर के सरियां, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के प्रबंध निदेशक डॉ. रेड्डी, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास, निमहंस, बेंगलुरु की डॉ. प्रतिमा मूर्ति शामिल हैं.
बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव और गृह सचिव राष्ट्रीय कार्यबल के पदेन सदस्य होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में चिकित्सक के बलात्कार-हत्या मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को अपनी जांच पर 22 अगस्त तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने और पश्चिम बंगाल को आरजी कर अस्पताल में भीड़ के हमले की जांच की प्रगति पर 22 अगस्त तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में परास्नातक चिकित्सक के बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में देशभर में जारी चिकित्सकों की हड़ताल के बीच इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है.