छत्तीसगढ़

राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस ने हरियाणा में क्यों नहीं उतारा उम्मीदवार, उलटफेर का डर या कोई सांठ-गांठ?

चंडीगढ़ : हरियाणा में एक सीट पर होने वाले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को वॉकओवर दे दिया है. वो भी तब, जब वह सीट कांग्रेस कोटे से ही रिक्त हुई थी. हरियाणा के सियासी गलियारों में इसको लेकर सवाल उठने लगा है कि आखिर कांग्रेस ने दीपेंद्र हुड्डा की रिक्त सीट पर उम्मीदवार क्यों नहीं उतारे?

दीपेंद्र के इस्तीफा से रिक्त हुई थी सीट

2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद दीपेंद्र हुड्डा 2020 में राज्यसभा के जरिए सदन पहुंच गए, लेकिन जब 2024 में फिर से चुनाव की घोषणा हुई तो दीपेंद्र रोहतक सीट से मैदान में उतर गए. दीपेंद्र को लोकसभा का टिकट देने पर भी सवाल उठा था, लेकिन कांग्रेस के संगठन महासचिव ने यह कहकर बचाव किया कि पार्टी की कोशिश लोकसभा की ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने की है.

दीपेंद्र 2024 के लोकसभा चुनाव में रोहतक से बीजेपी के अरविंद शर्मा को करीब 3 लाख 45 हजार वोटों से हराया. लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद दीपेंद्र ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद इस सीट पर चुनाव की अधिसूचना जारी हुई.

हुड्डा ने खेला था फोगाट के नाम पर दांव

राज्यसभा की रिक्त सीट पर नामांकन से पहले कांग्रेस के भूपिंदर सिंह हुड्डा ने विनेश फोगाट के नाम का दांव खेला था. दरअसल, पेरिस ओलंपिक के फाइनल में वजन की वजह से महिला पहलवान विनेश फोगाट बाहर हो गईं, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने कहा था कि मेरी सरकार होती तो मैं विनेश को राज्यसभा भेजता.

भूपिंदर हु्ड्डा के इस प्रस्ताव का जननायक जनता पार्टी के दु्ष्यंत चौटाला ने भी समर्थन किया था. हालांकि, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे घटिया पॉलिटिक्स करार दिया था. सैनी का कहना था कि हुड्डा खेल में राजनीति घुसेड़ रहे हैं.

बीजेपी ने किरण चौधरी को बनाया कैंडिडेट

राज्यसभा की रिक्त सीट पर बीजेपी ने कद्दावर नेता बंसीलाल की बहू किरण चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. किरण कांग्रेस से इस्तीफा देकर हाल ही में बीजेपी में शामिल हुई थीं. किरण भिवानी-महेंद्रगढ़ की तोसम सीट से विधायक भी थीं.

बंसीलाल एक वक्त में इंदिरा गांधी के करीबी माने जाते थे. वे 3 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे थे. इसके अलावा बंसीलाल केंद्र में रक्षा और रेल मंत्री भी रहे थे.

किरण चौधरी हरियाणा की हुड्डा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. उनकी बेटी श्रुति ने 2009 में हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से जीत हासिल की थी. एक ही नामांकन दाखिल होने की स्थिति में अब किरण का राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है. किरण 2026 तक इस सीट से सांसद रहेंगी.

कांग्रेस ने क्यों नहीं उतारा उम्मीदवार?

जेजेपी के विधायक दुष्यंत चौटाला ने राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार नहीं उतारने को लेकर सवाल उठाया है. चौटाला का कहना है कि बीजेपी से सांठगांठ की वजह से हुड्डा ने उम्मीदवार नहीं उतारने दिया है. हालांकि, कांग्रेस की दलील बिल्कुल इसके उलट है.

हाल ही में सोनीपत में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर हुड्डा ने राज्यसभा में उम्मीदवार नहीं उतारने को लेकर जवाब दिया था. हुड्डा का कहना था कि हमारे पास बहुमत नहीं है और अगर हम उम्मीदवार उतारते हैं तो हरियाणा में हॉर्स ट्रेडिंग का खेल शुरू होगा.

हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीट है, जिसमें से 11 सीट अभी रिक्त है. कांग्रेस के पास 31 और बीजेपी के पास 44 विधायकों का समर्थन है. जेजेपी के पास अब सिर्फ 3 विधायक बचे हैं. इंडियन नेशनल लोक दल के पास भी एक विधायक हैं. राज्यसभा की सीट जीतने के लिए अभी 41 विधायकों की जरूरत होगी. एनडीए के पास 44 है तो उसे जीत में कोई दिक्कत नहीं होगी.

इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है और इस सिलसिले को पार्टी विधानसभा में भी बरकरार रखने की कोशिश में है. राज्यसभा में अगर उसे हार मिलती तो मनोवैज्ञानिक तौर पर पार्टी पर असर पड़ता. उम्मीदवार न उतारने की यह भी एक वजह है.

राज्यसभा चुनाव में होते रहे हैं उलटफेर

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में उलटफेर होते रहे हैं. बहुमत होने के बावजूद जून 2022 में कांग्रेस के अजय माकन चुनाव हार गए. उनकी जगह पर मीडिया उद्योगपति कार्तिकेय शर्मा निर्दलीय चुनाव जीत गए.

2016 में भी कांग्रेस समर्थित आरके आनंद को उलटफेर की वजह से हार का सामना करना पड़ा था. उस वक्त कांग्रेस के 12 विधायकों को वोट खारिज हो गए थे.