धमतरी। माओवादी उन्मूलन अभियान के तहत धमतरी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. 5-5 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने सरेंडर किया है. ये दोनों नक्सली लंबे समय से हिंसक गतिविधियों में शामिल थे. नक्सली दंपत्ति ने माओवादियों की क्रूर विचारधारा और जीवनशैली से तंग आकर छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ कर आत्मसमर्पण किया. दो इनामी नक्सली नगरी एरिया कमेटी/गोबरा एलोएस के सदस्य टिकेश और सीता नदी एरिया कमेटी/एसीएम सदस्य प्रमिला ने आत्मसमर्पण किया है.
दोनों माओवादी हत्या, हत्या का प्रयास, मुठभेड़ आईईडी लगाने समेत कई घटनाओं में शामिल रहे हैं. दोनों ने छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास और आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर धमतरी पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक के समक्ष दोनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया.
टिकेश उर्फ टिकेश्वर वट्टी (38 वर्ष) एकावारी गांव निवासी नगरी एरिया कमेटी/गोबरा एलओएस का सदस्य रहा है और उसके खिलाफ 32 गंभीर अपराध दर्ज हैं. धमतरी, गरियाबंद और कांकेर जिलों में हत्या, हत्या का प्रयास, मुठभेड़, और आईईडी लगाने जैसी घटनाओं में उसकी संलिप्तता रही है. वह 2009 में सीतानदी एरिया कमेटी में शामिल हुआ और 2010 में गोबरा एलओएस का सदस्य बन गया. टिकेश ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है, जिनमें पुलिस-नक्सली मुठभेड़, एसटीएफ टीम पर हमले, और ग्रामीणों की हत्या जैसी वारदातें शामिल हैं.
प्रमिला उर्फ गणेशी नेताम (32 वर्ष) गोना गांव निवासी सीता नदी एरिया कमेटी की एसीएम सदस्य थी और उसके खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं. उसने 2009 में संघम सदस्य के रूप में माओवादी संगठन में प्रवेश किया था. प्रमिला ने भी कई हिंसक घटनाओं में भाग लिया है, जिनमें पुलिस-नक्सली मुठभेड़, सड़कों पर अवरोध उत्पन्न करना, और मुखबिर के शक में ग्रामीणों की हत्या जैसी घटनाएं शामिल हैं.