जम्मू : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के बीच गठबंधन का कोई एजेंडा नहीं है और यह सीट बंटवारे पर आधारित है. महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसे किसी भी गठबंधन के तहत चुनाव नहीं लड़ेगी, जिसका कोई एजेंडा न हो और सिर्फ सीट शेयरिंग के कारण ही बातचीत हो रही हो.
श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि गठबंधन और सीट बंटवारा दूर की बातें हैं, अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस हमारा एजेंडा अपनाने के लिए तैयार हैं, तो हम कहेंगे कि उन्हें सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. हम उनका पालन करेंगे. क्योंकि मेरे लिए कश्मीर की समस्या का समाधान किसी भी चीज़ से ज़्यादा महत्वपूर्ण है.
बीजेपी के साथ पुराने गठबंधन का जिक्र
2014 से 2018 तक बीजेपी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन के बारे में बोलते हुए मुफ्ती ने कहा कि जब हमने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, तो हमारे पास एक एजेंडा था, जिस पर वे सहमत थे. बता दें कि 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा और पीडीपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी, जिसमें मुफ़्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे. जनवरी 2016 में सईद की मृत्यु के बाद थोड़े समय के लिए राज्यपाल शासन के बाद महबूबा मुफ़्ती ने अपने पिता की जगह ली थी. जून 2018 में बीजेपी ने पीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से किनारा कर लिया, जिसके कारण नवंबर 2018 में तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया. तब से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा नहीं बनी है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर निशाना
इस बीच महबूबा मुफ़्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि NC और कांग्रेस के बीच गठबंधन एजेंडे के तहत नहीं हो रहा है. ये सिर्फ सीट बंटवारे पर हो रहा है. हम ऐसा कोई गठबंधन नहीं करेंगे, जिसमें सिर्फ सीट शेयरिंग की बात हो. गठबंधन एजेंडे पर होना चाहिए और हमारा एजेंडा जम्मू-कश्मीर की समस्या को हल करना है.
हिंदू तीर्थ स्थल शारदा पीठ का उठाया मुद्दा
मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हिंदू तीर्थ स्थल शारदा पीठ के लिए मार्ग खोलना चाहती है और पाकिस्तान के साथ सुलह और बातचीत करना चाहती है, उन्होंने नागरिकों के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) खोलकर लोगों के बीच बेहतर संबंधों का आह्वान किया. बता दें कि शारदा पीठ एक हिंदू मंदिर है और इसे कभी वैदिक कार्यों, शास्त्रों की उच्च शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र माना जाता था. दक्षिण एशिया के 18 अत्यधिक पूजनीय मंदिरों में से एक शारदा पीठ, कभी नालंदा और तक्षशिला में शिक्षा के प्राचीन केंद्रों के बराबर था.
कश्मीरी पंडित अपनी सांस्कृतिक विरासत और प्राचीन काल से अपनी भूमि की महिमा के कारण मंदिर को महत्वपूर्ण मानते हैं. 2018 में महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कश्मीरी पंडितों के लिए शारदा पीठ जाने का मार्ग खोलने का अनुरोध किया था. जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में होंगे. 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे.