मुंबई : पिछले साल नौसेना दिवस पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा राजा की 35 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। जिसके अचानक ढह जाने पर राज्य में राजनीति चरम पर है।
नौसेना ने जांच के लिए गठित की टीम
वहीं इस मामले में नौसेना के प्रवक्ता की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, भारतीय नौसेना सिंधुदुर्ग के नागरिकों को समर्पित एक नौसेना दिवस पर अनावरण की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को हुए नुकसान पर गहरी चिंता के साथ ध्यान दे रही है। इसमें कहा गया है, राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारणों की तुरंत जांच करने और प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना और उसे जल्द से जल्द स्थापित करने के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम को तैनात किया है।
PWD ने छह दिन पहले नौसेना को जंग लगने की दी थी जानकारी
वहीं महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने तटीय सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की संरचना के ढहने से ठीक छह दिन पहले नौसेना के एक अधिकारी को भेजे पत्र में प्रतिमा में जंग लगने पर चिंता जताई थी और स्थायी उपाय भी सुझाए थे। इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि प्रतिमा का डिजाइन और निर्माण भारतीय नौसेना की तरफ किया गया था।
सिंधुदुर्ग जिले के मालवन तालुका में पीडब्ल्यूडी के एक सहायक इंजीनियर ने नौसेना कमांडर अभिषेक करभारी, क्षेत्रीय तटीय सुरक्षा अधिकारी और क्षेत्रीय नागरिक-सैन्य संपर्क अधिकारी को 20 अगस्त को भेजे पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला कि मूर्ति के कुछ हिस्सों में जंग लग रही है और यह अच्छी नहीं दिख रही है।
सीएम शिंदे ने कहा- मूर्ति का होगा पुनर्निर्माण
वहीं मुख्यमंत्री शिंदे ने दावा किया कि जब मूर्ति गिरी, तब हवा की गति 45 किलोमीटर प्रति घंटा थी। राज्य के लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण ने सोमवार को कहा कि अधिकारियों ने मूर्ति पर जंग लगने के बारे में नौसेना को पत्र लिखा है। पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। विपक्ष की आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री शिंदे ने आश्वासन दिया है कि मूर्ति का पुनर्निर्माण किया जाएगा।