छत्तीसगढ़

एक महीने पहले विनेश की अयोग्यता ने भारत से छीना था स्वर्ण, अब एक विवाद से रजत पदक सोने में बदला

नईदिल्ली : पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का जलवा जारी है। देश को अब तक सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य समेत 29 पदक मिल चुके हैं। भारत फिलहाल पदक तालिका में 16वें स्थान पर है। शनिवार को भारत के नवदीप सिंह ने पुरुषों के भाला फेंक एफ41 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता था। हालांकि, कुछ ही देर में उनका रजत पदक स्वर्ण में बदल गया। दरअसल, स्वर्ण पर कब्जा करने वाले ईरान के सादेग बेइत सायाह को जीत के बाद विवादित झंडा दिखाने के लिए डिसक्वालिफाई कर दिया गया। तब नवदीप का रजत पदक स्वर्ण में बदल गया।

यह भारत का पैरालंपिक में जेवलिन के एफ41 स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक है। 23 साल के नवदीप टोक्यो पैरालंपिक में चौथे स्थान पर रहे थे। हालांकि, उन्होंने इस बार 47.32 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। ईरान के खिलाड़ी की अयोग्यता ने भारत को स्वर्ण जीतने में मदद की। हालांकि, समय का पहिया एक महीने में जिस तरह घूमा है, उसने सभी को हैरान कर दिया।

ठीक एक महीने पहले पेरिस ओलंपिक में भारत की दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल से पहले ज्यादा वजन की वजह से अयोग्य करार दिया गया था। इसने भारत से एक स्वर्ण छीन लिया था। विनेश जिस तरह के फॉर्म में थीं, उनका स्वर्ण जीतने लगभग तय माना जा रहा था। उन्होंने विश्व नंबर एक और चार बार की विश्व चैंपियन, जो विनेश से हारने से पहले कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हारी थीं, उन्हें हराया था। हालांकि, विनेश की अयोग्यता से भारत को तगड़ा झटका लगा था। ठीक इसके एक महीने बाद पैरालंपिक में नवदीप का रजत स्वर्ण में बदल गया।

सादेग को क्यों डिसक्वालिफाई किया गया?

छोटे कद के एथलीटों के लिए बने वर्गीकरण में प्रतिस्पर्धा करने वाले नवदीप ने विश्व रिकॉर्डधारी चीन के सुन पेंगशियांग को 47.32 मीटर थ्रो से हराकर रजत पदक जीता। हालांकि, सादेग की अयोग्यता के बाद इसे स्वर्ण में अपग्रेड किया गया। पेंगशियांग (44.72 मीटर) का कांस्य अपग्रेड होकर रजत पदक में बदल गया। सादेग को पैरालंपिक नियामक समिति द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन की वजह से डिसक्वालिफाई कर दिया गया। जब सादेग विवादित झंडे के साथ जश्न मना रहे थे, तभी अचानक उन्हें रोक दिया गया। उन्हें और उनकी टीम को उनकी अयोग्यता के बारे में सूचित किया गया।

यह निर्णय विश्व पैरा एथलेटिक्स नियमों और विनियमों के नियम 8.1 के तहत किया गया था, जो आचार संहिता और नैतिकता से संबंधित है। सादेग को अयोग्य ठहराए जाने के सही कारण का आधिकारिक तौर पर पेरिस पैरालंपिक समिति ने खुलासा नहीं किया है। हालांकि, सादेग के हाथ में जो झंडा था वह काले रंग का था और उस पर अरबी संदेश लाल रंग में लिखे गए थे, जो अब सोशल मीडिया पर प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

नवदीप ने पैरालंपिक रिकॉर्ड भी ध्वस्त किया

सादेग अपने अंतिम थ्रो में 47.64 मीटर के नए पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन अपनी हरकतों के कारण पदक से हाथ धोना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियमों के मुताबिक, खिलाड़ियों को इस प्रतियोगिता में कोई भी राजनीतिक या विवादित झंडे या पोस्टर का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। इराक के नुखाइलावी विल्दान (40.46) ने कांस्य पदक जीता।

नवदीप का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो 44.29 मीटर और सत्र का सर्वश्रेष्ठ थ्रो 42.82 मीटर का है। उन्होंने प्रतियोगिता की शुरुआत फाउल के साथ की। हालांकि, दूसरे प्रयास में 46.39 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरे स्थान पर पहुंच गए। लेकिन यह उनका तीसरा थ्रो था जिसने स्टेडियम को हैरान कर दिया। 47.32 मीटर के शानदार थ्रो के साथ नवदीप ने पैरालंपिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया और बढ़त हासिल की। इसके बाद सादेग अपने पांचवें प्रयास में 47.64 मीटर के प्रयास के साथ शीर्ष पर पहुंच गए थे। हालांकि, उनको डिसक्वालिफाई कर दिया गया।