छत्तीसगढ़

सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन के बावजूद काम पर नहीं लौटे आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर, रखी ये 5 शर्तें, वीडियो

कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर पिछले कई दिनों से डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं. इस बीच कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन के बावजूद काम पर नहीं लौटे हैं. साथ ही डॉक्टरों ने कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के पास विरोध प्रदर्शन किया है. इस दौरान उन्होंने 5 शर्ते रख दी है.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म करने के लिए पांच मांगें रखीं हैं. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी ये पांच मांगें नहीं मानी जाएंगी, वे हड़ताल जारी रखेंगे. इन पांच मांगों में बंगाल के स्वास्थ्य सचिव और कोलकाता पुलिस कमिश्नर का इस्तीफा भी शामिल है.

जानें आरजी कर हॉस्पिटल के डॉक्टरों की 5 मांगें?

  1. बंगाल के स्वास्थ्य सचिव का इस्तीफा
  2. स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (DHE) का इस्तीफा
  3. कोलकाता पुलिस कमिश्नर का इस्तीफा
  4. पश्चिम बंगाल के हर मेडिकल कॉलेज में पेशेंट सर्विस शुरू करना
  5. अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरा लगवाना, मरीजों की सेवाओं में सुधार शामिल हैं.

SC का अल्टीमेटम खत्म, काम पर नहीं लौटे डॉक्टर

कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर साल्ट लेक में बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के भवन तक रैली निकाल रहे हैं. इस दौरान डॉक्टरों का कहना है जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम यहीं धरना-प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा,’ इस मामले की जल्द से जल्द जांच कर इसके मोटिव के बारे में जानकारी सार्वजनिक की जाए. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने आज शाम 5 बजे तक इन अधिकारियों को पद से हटाने का अल्टीमेटम दिया है. फिलहाल, डॉक्टरों की रैली को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग लगा रखी हैं.

जानिए CJI ने अपने आदेश में क्या कहा था?

सोमवार (9 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा था कि डॉक्टर वापस काम पर लौटें और हम उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे. यदि, वो ऐसा करने से इनकार करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी माहौल बनाए जाएं, ताकि अलग-अलग ड्यूटी रूम, शौचालय की सुविधा, सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था शामिल है.कोर्ट का कहना था कि इससे पहले डॉक्टरों को सबसे पहले काम पर लौटना चाहिए और उन्हें काम पर वापस आकर अपना काम पूरा करना चाहिए.