मुंगेली: छत्तीसगढ़ की मुंगेली पुलिस ने इंटरनेशनल साइबर क्राइम गिरोह के मामले में त्वरित कार्रवाई की है, जिसकी चर्चा पूरे पुलिस महकमे में हो रही है. डॉक्टर से साढ़े 7 लाख रुपए की ठगी मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने केरल से आरोपी को धर दबोचा है. गिरफ्तार शातिर अपराधी की तलाश तेलंगाना और आंध्रप्रदेश राज्यों की पुलिस भी कर रही थी पर छग पुलिस को यह सफलता मिली.
इस पूरे कार्रवाई के दौरान राजधानी में प्रदेशभर के पुलिस कप्तान और रेंज कमिश्नरों का जमावड़ा लगा रहा, जहां इस मामले की चर्चा होती रही. इसके अलावा प्रदेश में साइबर क्राइम के कई मामले आए, मगर जिस प्रकार से पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाई और सफलता मिली है, इससे प्रार्थी के मन में भी एक नई आस जागी है.
मुंगेली पुलिस ने केरल के मालापुरम जिले में दबिश देकर एक आरोपी फवाज की सबसे पहले गिरफ्तारी की, जिसके अकाउंट में लोरमी निवासी प्रार्थी डॉक्टर दीपक लाज ने एफडी तोड़वाकर साढ़े 7 लाख रुपए ट्रांसफर किया था. इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है. अब मुंगेली पुलिस ने केरल के ही मालापुरम जिले से पेशे से अधिवक्ता हरिकृष्णन के. को पकड़ा है, जिसको लेकर ये बात सामने आई है कि इनके कब्जे से 5,79000 रुपए जब्त किया गया है. याने डॉक्टर ने आरोपी फवाज को उनके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने के नाम पर गिरफ्तार किया है, लेकिन उसके बताये अनुसार ठगी का करीब 6 लाख रुपए अधिवक्ता के पास से जब्त किया गया है. पुलिस इस जांच में जुटी है कि क्या अधिवक्ता भी साइबर ठग गिरोह का सदस्य है. वहीं मुंगेली पुलिस की एक टीम आरोपी फवाज को लेकर मुंगेली पहुंच गई है, जिसे आज न्यायिक रिमांड पर कोर्ट में पेश किया जाएगा.
ये वो मामला है, जिसका तार इंटरनेशनल स्तर पर जुड़ा हुआ है. पुलिस अफसरों का कहना है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड दुबई में बैठकर कारनामों को अंजाम दे रहा है और नेटवर्क का जाल कई देशों में फैला हुआ है. यही वजह है कि सायबर क्राइम के हर मामले में पुलिस को सफलता नहीं मिल पाती. कई बार मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है, लेकिन एसएसपी गिरिजाशंकर जायसवाल के निर्देशन में गठित पुलिस की टीम ने सक्रियता से काम किया और आरोपी को गिरफ्तार किया. ठगी के शिकार हुए डॉक्टर दीपक लाज ने मीडिया से बातचीत में पुलिस की कार्रवाई से सन्तुष्टि जाहिर की. उन्होंने पुलिस के अफसरों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है, क्योंकि ठगे जाने के बाद वे खुद भी ये उम्मीद खो बैठे थे कि उन्हें उनका पैसा वापस नहीं मिल पाएगा, लेकिन पुलिस ने ठगी के करीब 6 लाख रुपए जब्त कर लिया है, जिसे कानूनी कार्रवाई के बाद कोर्ट से प्रार्थी डॉक्टर को सुपुर्द हो जाएगा.