छत्तीसगढ़

सरकार का चुनावी गणित आम आदमी को पड़ेगा भारी,100 रुपए हो सकता है प्याज!; दाम बढ़ने की ये है वजह

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने प्याज से न्यूनतम निर्यात मूल्य की सीमा को हटा दिया है। यानी अब किसान भारत से ज्यादा मात्रा में प्याज किसी भी दाम पर विदेश भेज सकेंगे। सरकार के इस फैसले से किसानों को जरूर फायदा होगा लेकिन घरेलू बाजार में प्याज के दामों में उछाल देखा जा सकता है। क्योंकि पहले ही घरेलू बाजार में प्याज की आवक कम हैं। अभी खुदरा बाजार में प्याज के रेट 60-80 रुपए किलो तक चल रहे हैं। नई प्याज की फसल आने में थोड़ा वक्त है। ऐसे में एक बार फिर प्याज के रेट आम आदमी को परेशान कर सकते हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा फैसला
केंद्र सरकार के इस फैसले को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र के किसानों ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों को बड़ा झटका दिया था। क्योंकि सरकार ने प्याज के दाम में कमी करने के लिए अगस्त 2023 में पहली बार 40 परसेंट एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी। इसका पूरे महाराष्ट्र में जमकर विरोध हुआ था। किसानों और व्यापारियों ने मिलकर प्रदेश की कई सब्जी मंडियों को बंद रखा था। इसके बाद फिर सरकार ने इसी साल मई में 50 डॉलर प्रति टन की न्यूनतम निर्यात मूल्य वाली शर्त लगाई गई थी।

केंद्र सरकार से नाराज हैं प्याज की खेती वाले किसान
कई राज्यों में प्याज की खेती वाले किसान अभी भी केंद्र सरकार से नाराज है। क्योंकि हाल ही में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है। इसमें मंत्रालय ने नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) और नेफेड को देश के विभिन्न शहरों में 35 रुपये प्रति किलो बेचने का निर्देश दिया है। सरकार के इस फैसले से भी किसान नाराज हैं। किसान संगठनों का कहना है कि जब बाजार और मंडियों में प्याज के दाम कम होता है तब सरकार गायब हो जाती है। किसानों की भरपाई करने के लिए कभी कोई निर्णय नहीं लेती है। लेकिन जब प्याज के रेट जरा से भी बढ़ जाते है तो उसे कम करने आ जाती है।

इस बीच महाराष्ट्र के कई किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि किसान महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार से बदला लेंगे। किसानों की इन नाराजगी को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य खत्म करने कम करने का फैसला लिया है, ताकि महाराष्ट्र के किसानों का गुस्सा शांत किया जा सके। क्योंकि महाराष्ट्र ही देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है।

बाजार में फिर महंगे हो सकते है प्याज
केंद्र सरकार के इस निर्णय का सीधा असर मंडियों पर जल्द दिखाई दे सकता है। प्याज से न्यूनतम निर्यात मूल्य हटने के बाद प्याज उत्पादक राज्यों के किसान अच्छी गुणवत्ता प्याज वाले ज्यादा मात्रा में विदेश में बेचेंगे। इससे उन्हें प्याज की अच्छी कीमत मिलगी। वहीं अभी प्याज की नई फसल में आने में करीब दो से तीन माह का वक्त है। ऐसे में किसानों के पास जो अभी प्याज का स्टॉक है। उसे वह अच्छे दामों पर एक्सपोर्ट करेंगे। ऐसी स्थिति में प्याज भाव में उछाल देखने को मिल सकते है। अभी खुदरा बाजार में प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलो चल रही है। पिछले 15-20 दिनों में प्याज की कीमत में तेजी आई है। व्यापारियों का कहना है कि प्याज की कीमत में तेज बारिश के चलते ट्रकों की आवाजाही प्रभावित होने और मांग में तेजी के कारण आई है।