चेन्नई। भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने खुलासा किया है कि विराट कोहली ने 2014-15 में भारत के ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट दौरे में अपने ड्रीम रन के दौरान हर गेंद से पहले ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप किया था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए एक खास इंटरव्यू में गंभीर और कोहली ने अपने करियर, उतार-चढ़ाव और साथी क्रिकेटरों के व्यक्तित्व और उनके बारे में बातचीत की।
गंभीर और विराट – फोटो : BCCI
गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया में बहुचर्चित टेस्ट सीरीज में विराट कोहली के खास फॉर्म और गोल्डन रन के बारे में बातचीत को याद किया और साथ ही 2009 में नेपियर में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में उनकी मैच बचाने वाली पारी के बीच समानता के बारे में बात की। भारत के मुख्य कोच ने कहा कि वह ढाई दिन तक चली पारी के दौरान ‘हनुमान चालीसा’ सुन रहे थे। विराट कोहली ने बातचीत की शुरुआत करते हुए पूछा कि 2008 में नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में दोहरे शतक के दौरान गौतम गंभीर ने किस तरह अपने संयम को बनाए रखा था? हालांकि, गंभीर इस सवाल का जवाब देने की बजाय कोहली के 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में उनके शानदार प्रदर्शन के बारे में बात करने को लेकर उत्सुक दिखे।
गंभीर और विराट – फोटो : BCCI
कोहली ने कहा- भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज के कुछ पलों की बात करते हैं। इसमें सबसे खास है अपने घर में गंभीर का दोहरा शतक। मैं कोहनी के बारे में बात नहीं करूंगा क्योंकि मुझे पता है कि कोहनी क्यों लगी होगी (गंभीर का शेन वॉटसन को कोहनी मारना)। मैं पारी की मानसिकता के बारे में बात करना चाहता हूं। ऐसी क्या चीज है जिससे आप खुद को मैदान पर बनाए रखते हैं?
इस पर गंभीर ने कहा, ‘बढ़िया सवाल। मेरे बारे में बात करने के बजाय, मुझे याद है जब आपने ऑस्ट्रेलिया में उस सीरीज में ढेर सारे रन बनाए थे, तो आप मुझे बता रहे थे कि आप हर गेंद से पहले ‘ॐ नमः शिवाय’ कहते थे। इसकी वजह से आपने धैर्य बनाए रखा था। मेरे लिए जब मैं नेपियर में खेलता था तो ठीक ऐसा ही होता था। मैंने ढाई दिन तक बल्लेबाजी की। मुझे नहीं लगता कि मैं फिर कभी ऐसा कर सकता था। उन ढाई दिनों में मैंने केवल हनुमान चालीसा का पाठ किया। आप ॐ नमः शिवाय का जाप करके उस मानसिकता में पहुंचे, मेरे लिए मैं हनुमान चालीसा सुनकर उस जोन में आ गया। जब मैं उस जोन में होने के बारे में बात करता हूं, तो यह कहूंगा कि कोई खिलाड़ी करियर में बहुत कम बार उस जोन में हो सकता है। उस जोन में होना खास है।’
गंभीर और विराट – फोटो : BCCI
गंभीर ने कहा, ‘मुझे याद है कि जब मैं नेपियर में पांचवें दिन बल्लेबाजी कर रहा था तो लक्ष्मण ने मुझे बताया था। पहले सत्र के बाद जब मैं वापस जा रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम्हें पता है कि तुमने पिछले दो घंटे में एक शब्द भी नहीं बोला, यहां तक कि ओवरों के बीच में भी। मुझे एहसास हुआ कि मैंने एक शब्द नहीं कहा। मैंने ओवरों के बीच केवल सिर हिलाया और अपना खेल खेला। जब मैं वापस ड्रेसिंग रूम आया, तो मैंने हनुमान चालीसा सुना। उन ढाई दिनों के लिए मैं पूरी तरह से जोन आउट था दुनिया के लिए। मुझे यकीन है कि आपने मुझसे कई गुना अधिक अनुभव किया होगा। जब तक आप उस जोन में नहीं होंगे, तब तक आप समझ नहीं पाएंगे कि यह कैसा लगता है।’
कोहली और गंभीर – फोटो : Twitter
2014-15 का ऑस्ट्रेलिया दौरा विराट कोहली के टेस्ट करियर के मुख्य आकर्षण में से एक था। इसी सीरीज के दौरान उन्होंने एमएस धोनी से भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में पदभार संभाला था। धोनी ने सीरीज के बीच में ही टेस्ट प्रारूप से रिटायरमेंट की घोषणा की थी। कोहली ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में चार शतक समेत 692 रन बनाए थे। भले ही भारत सीरीज 2-0 से हार गया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में कठिन परिस्थितियों में विराट के रन ने उन्हें खास पहचान दिलाई थी। दूसरी ओर गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में 436 गेंदों में 137 रन बनाकर नेपियर में भारत को टेस्ट मैच हारने से बचाया था। गंभीर ने नेपियर में अच्छी बल्लेबाजी पिच पर तीन दिन तक बल्लेबाजी की और न्यूजीलैंड की जीत की संभावना को खत्म कर दिया था। न्यूजीलैंड ने अपनी पहली पारी में 619 रन बनाए और भारत को पहली पारी में 305 रन पर आउट कर दिया था। दूसरी पारी में गंभीर के दम पर फॉलोऑन खेलते हुए भारत ने चार विकेट पर 476 रन बनाए थे और मैच ड्रॉ रहा था।