छत्तीसगढ़

अरविंद केजरीवाल के साथ मेरा रिश्ता भगवान राम और लक्ष्मण जैसा…, मनीष सिसोदिया का बड़ा बयान

नईदिल्ली : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ अपने रिश्ते को भगवान राम और लक्ष्मण जैसा बताया. साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई रावण उन्हें अलग नहीं कर सकता.

बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा कि सिसोदिया ‘नौटंकी के बादशाह’ हैं और अगले महीने होने वाली रामलीला से पहले खुद को लक्ष्मण के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं.

‘कोई रावण हमें नहीं कर सकता अलग’
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यहां जंतर-मंतर पर केजरीवाल की पहली ‘जनता की अदालत’ रैली में सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी उन्हें अरविंद केजरीवाल से अलग करना चाहती है, लेकिन किसी भी “रावण में इतनी शक्ति नहीं है कि वह लक्ष्मण को भगवान राम से अलग कर सके.”

उन्होंने कहा, “जब तक अरविंद केजरीवाल तानाशाही के रावण के खिलाफ राम बनकर यह लड़ाई लड़ते रहेंगे, मैं लक्ष्मण बनकर उनके साथ खड़ा रहूंगा.” सिसोदिया ने आगे कहा कि जब तक जनता उन्हें ईमानदार नहीं मान लेती, तब तक वह दिल्ली में उपमुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री का पद नहीं संभालेंगे.

‘बेटे की फीस के लिए मांगनी पड़ी मदद’
बीजेपी पर हमला करते हुए सिसोदिया ने कहा, “जब मैं पत्रकार था, मैंने 2002 में पांच लाख रुपये में एक छोटा सा मकान खरीदा था और मेरे बैंक खाते में 10 लाख रुपये थे. उन्होंने इसे जब्त कर लिया. मेरा बेटा कॉलेज में पढ़ रहा है और मुझे उसकी फीस भरने के लिए लोगों से मदद मांगनी पड़ी, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेरे बैंक खाते पर रोक लगा दी.”

‘बीजेपी में शामिल होने का मिला था प्रलोभन’
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि आबकारी नीति मामले में जेल जाने के बाद उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए प्रलोभन दिया गया. हालांकि, बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख ने आरोप को खारिज करते हुए इसे “हास्यास्पद” करार दिया. सचदेवा ने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि जेल से रिहा होने के डेढ़ महीने बाद उन्हें एक अच्छी तरह से गढ़ी गई कहानी के जरिए ऐसी बात कहना याद आया.

अरविंद केजरीवाल ने हाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि दिल्ली की जनता से ईमानदारी का प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही दोबारा इस पद पर आसीन होंगे.