नईदिल्ली : आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद (लड्डू) को लेकर मचे बवाल के बीच सोमवार (23 सितंबर) को तिरुमला मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान किया गया. मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा कि अब सबकुछ शुद्ध हो चुका है और बालाजी का आशीर्वाद लें. उन्होंने ये भी कहा कि भगवान वेंकटेश्वर की इजाजत मांगकर प्रसाद को शुद्ध किया गया है.
तिरुपति मंदिर के मुख्य पुजारी कृष्ण शेषचला स्वामी ने कहा, “पिछले चार-पांच दिनों से दुनियाभर में ऐसी खबरें फैल रही हैं कि बालाजी के लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी होती है. आंध्र प्रदेश सरकार और टीटीडी प्रबंधन ने समाधान के लिए हमसे संपर्क किया. हमने सुझाव दिया कि टीटीडी शुद्धिकरण के लिए ‘शांति होमम’ नामक होमम करे और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया.”
‘प्रसाद लें और परिवार के साथ बांटें’
उन्होंने आगे कहा, “आज सुबह 6 बजे के बाद हमने भगवान वेंकटेश्वर की अनुमति और आशीर्वाद लिया और होमम किया. अब सब कुछ शुद्ध हो गया है और मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि कृपया तिरुपति बालाजी आएं, बालाजी का आशीर्वाद लें, अपने लड्डू खरीदें और उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के साथ बांटें.”
पवित्र अनुष्ठान के समापन के बाद मंदिर के बाहर मीडिया से बात करते हुए, टीटीडी ईओ श्री जे श्यामला राव और अतिरिक्त ईओ श्री सीएच वेंकैया चौधरी ने कहा कि यह पवित्र अनुष्ठान पाप-मुक्त अनुष्ठान था. इसके एक भाग के रूप में ऋत्विकों द्वारा वास्तु शुद्धि, कुंभजला संप्रोक्षण किया गया.
शाम 6 बजे, श्रीवारी भक्त अपने घर में दीपाराधना करते समय क्षमा मंत्रों का जाप करेंगे और ओम नमो नारायणाय, ओम नमो भगवते वासुदेवाय और ओम नमो वेंकटेशाय का जाप करेंगे.
टीडीटी के पूर्व चीफ भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
वहीं, तिरुपति लड्डू प्रसाद मामले में वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. रेड्डी ने अपनी याचिका में पूरे मामले की जांच एक निष्पक्ष कमिटी से करवाने की मांग की है. गौरतलब है कि प्रसाद में एनिमल फैट की मिलावट के मामले में वाईएसआर कांग्रेस की पिछली राज्य सरकार ही निशाने पर है.