नईदिल्ली : आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाले घी के इस्तेमाल की बात सामने आने के बाद से न सिर्फ वहां, बल्कि पूरे देश में इसे लेकर चर्चा हो रही है. हिंदू संगठन और संत लगातार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है.
वहीं दूसरी तरफ तिरुपति बालाजी के मंदिर में शुद्धिकरण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इन सबके बीच प्रसाद का विवाद थमता नहीं दिख रहा है. अब यह मामला आंध्र प्रदेश से बाहर निकलकर दूसरे राज्यों में भी पहुंचता दिख रहा है. इसी कड़ी में यूपी के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के प्रसाद पर भी घमासान शुरू हो गया है. आरोप कि वृंदावन में प्रसाद बनाने के लिए खराब क्वॉलिटी के खोये का इस्तेमाल हो रहा है.
डिंपल यादव ने उठाया मथुरा-वृंदावन के पेड़ों की क्वॉलिटी पर सवाल
सबसे बड़ी बात ये है कि बांके बिहारी मंदिर में भोग के तौर पर चढ़ने वाले पेड़े में मिलावट को लेकर आरोप लगाने वाला कोई आम आदमी नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव हैं. मथुरा वृंदावन में बांके बिहारी के दरबार में माथा टेकने के लिए हर रोज करीब 50 हजार भक्त पहुंचते हैं. 162 साल पुराना ये वो मंदिर है जहां भगवान कृष्ण के आशीर्वाद के लिए सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक आते हैं. और मथुरा वृंदावन की जमीन पर कदम रखने वाला कोई भी श्रद्धालु बिना पेड़ा लिए वहां से वापस नहीं आता, लेकिन इस पेड़े में मिलावट की खबरों के बाद से भक्तों के मन में कई तरह के सवाल हैं.
बृजभूषण सिंह ने कहा- पूरे यूपी में हो घी की जांच
यही नहीं, मिलावटखोरी के इस विवाद मेंबीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह भी कूद गए हैं. उन्होंने कहा है कि यूपी के कोने-कोने में मिलने वाले घी की जांच होनी चाहिए. वहीं दूसरी तरफ मथुरा में मिलने वाले पेड़ों पर सवाल उठता देख भारतीय जनता पार्टी ने लोगों से और विरोधी दलों से भ्रम न फैलाने की बात कही है. हालांकि एहतियातन मथुरा के पेड़ों की गुणवत्ता की जांच शुरू हो गई है. यूपी के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन के मंदिरों से प्रसाद के 13 सैंपल जमा किए हैं और इनकी जांच रिपोर्ट 15 दिन के बाद आएगी.
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाहरी प्रसाद चढ़ाने पर रोक
आंध्र प्रदेश से लेकर यूपी के वृंदावन तक प्रसाद पर मचे घमासान का नतीजा ये हुआ कि लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर के गर्भगृह में बाहर से लाए गए प्रसाद को चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है. मंदिर परिसर में ऐसे पोस्टर लगा दिए गए हैं जिसमें लिखा है कि बाहर के प्रसाद को चढ़ाना मना है. इसके अलावा सोमवार को सिद्धि विनायक मंदिर में प्रसाद पर चूहों के चलने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था.